जानिए क्यों पीएम मोदी काशी विश्वनाथ के बाद 'वाराणसी के कोतवाल' माने जाने वाले काल भैरव के मंदिर पहुंचे

यूपी के आखिरी चरण के चुनाव के लिए पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चुनाव प्रचार कर रहे हैं और उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर भगवना शिव की पूजा-अर्चना भी की।

यूपी के आखिरी चरण के चुनाव के लिए पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चुनाव प्रचार कर रहे हैं और उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर भगवना शिव की पूजा-अर्चना भी की।

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जानिए क्यों पीएम मोदी काशी विश्वनाथ के बाद 'वाराणसी के कोतवाल' माने जाने वाले काल भैरव के मंदिर पहुंचे

काल भैरव मंदिर पूजा करने पहुंचे पीएम मोदी (फोटो क्रेडिट - ANI)

यूपी के आखिरी चरण के चुनाव के लिए पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चुनाव प्रचार कर रहे हैं और उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर भगवना शिव की  पूजा-अर्चना भी की।

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काशी विश्वनाथ को देश के 12 ज्योतिलिंगों में से एक माना जाता है। वाराणसी में ऐसी धारणा है कि कि जो लोग यहां आते हैं और वो काशी विश्वनाथ के दर्शन नहीं करते तो उनकी यात्रा कभी पूरी नहीं होती है। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि जो भी गंगा में स्नान कर इस मंदिर में दर्शन करने आता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मंदिर में अब तक स्वामी विवेकानंद, तुलसीदास, आदि शंकराचार्य से लवेकर रामकृष्ण परमहंस जैसे महान शख्स तक दर्शन के लिए आ चुके हैं।

कब बना था मंदिर ?
काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने सन 1780 में करवाया था। बाद में इस मंदिर को उस प्रांत के महाराजा रंजीत सिंह ने 1853 वमें 1000 किलोग्राम सोना देकर फिर से बनवाया था।

मंदिर को लेकर क्या है धारणा

मंदिर को लेकर वहां ये आम धारणा है कि प्रलय के समय भी इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। ऐसा माना जाता है कि जब भी प्रलय का समय आता है भगवान शिव इसे अपने त्रिशूल पर धारण कर लेते हैं और सबकुछ सामान्य होने पर नीचे उतार देते हैं।

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इस मंदिर को लेकर ये भी प्रचलित है कि इसी स्थान पर भगवान विष्णु ने दुनिया की रचना करने के लिए तपस्या भी की थी। अगस्त्य मुनि ने भी यहीं पर विश्वेश्वर की आराधना की थी और इन्हीं की अर्चना से श्री वशिष्ठजी तीनों लोकों में पूजित हुए थे और राजर्षि विश्वामित्र ब्रह्मर्षि कहलाए थे।

यहां मरने पर होती है मोक्ष की प्राप्ति

इस मंदिर को लेकर ये भी कहावत प्रसिद्ध है कि यहां प्राण त्यागने से इस सांसारिक मोह माया से मुक्ति मिल जाती है। मरने के वक्त भगवान शिव यहां कान में तारक मंत्र का उपदेश देते है जिससे व्यक्ति के सभी दुखों का अंत हो जाता है।

काल भैरव के दर्शन करने भी पहुंचे मोदी, वाराणसी के कोतवाल हैं काल भैरव

पीएम मोदी काशी विश्वनाथ में दर्शन करने के बाद कालभैरव मंदिर भी पहुंचे। इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं। वहां ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वनाथ बनारस के राजा हैं और काल भैरव इस प्राचीन शहर के कोतवाल हैं।

स्थानीय लोगों के मुताबिक जो विश्वनाथ के दर्शन के बाद यहां भैरव दर्शन के लिए नहीं आते उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसी भी मान्यता है कि भगवान विश्वनाथ के इस शहर में रहने के लिए लोगों को काल भैरव से भी इजाजत लेनी होती है।

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काल भैरव को लेकर लोगों का भरोसा इतना बड़ा है कि काल भैरव के पास वाले थाने में कभी कोई बड़ा अधिकारी या पुलिस वाला नहीं जाता क्योंकि वो मानते हैं कि यहां काल भैरव खुद निगरानी करते हैं।

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काल भैरव के काशी आने को लेकर भी एक कथा वहां बेहद लोकप्रिय है कि ब्रह्मा जी ने एक बार शिवजी की आलोचना कर दी थी जिसके बाद काल भैरव ने गुस्से में आकर अपने नाखूनों से ब्रह्मा जी का मुंह काट दिया था। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी मोदी ने यहां आकर पूजा अर्चना की थी।

Source : News Nation Bureau

Kashi Vishwanath PM modi Narendra Modi
      
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