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अफस्पा: सेना को मिलने वाली छूट बढ़ाने के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट पहुंची मोदी सरकार

अशांत और आतंक झेल रहे स्थानों में जहां सशस्त्र बल सुरक्षा कानून (एफएसपीए) लागू है वहीं पर केंद्र सरकार सेना की तताकत घटाने के समर्थन में नहीं है।

अशांत और आतंक झेल रहे स्थानों में जहां सशस्त्र बल सुरक्षा कानून (एफएसपीए) लागू है वहीं पर केंद्र सरकार सेना की तताकत घटाने के समर्थन में नहीं है।

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Jeevan Prakash
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अफस्पा: सेना को मिलने वाली छूट बढ़ाने के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट पहुंची मोदी सरकार

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

अशांत और आतंक झेल रहे स्थानों में जहां सशस्त्र बल सुरक्षा कानून (एफएसपीए) लागू है वहीं पर केंद्र सरकार सेना की ताकत घटाने के समर्थन में नहीं है। सरकार की कोशिश है कि पिछले साल आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले में संशोधन हो और उसके लिये एक क्यूरेटिव याचिका भी दायर की है।

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सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 8 जुलाई 2016 को जिन क्षेत्रों में एएफएसपीए है वहां भी अशांति के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दौरान होने वाली मौतों के लिए जवानों के खिलाफ एफआईआर अनिवार्य किया था।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के विरोध में केंद्र सरकार का तर्क था, 'अगर सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को जारी रखा गया, तो एक दिन अशांति वाले क्षेत्रों में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखना असंभव हो जाएगा।'

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा, 'भारतीय सेना को परिस्थितियों के अनुसार तुरंत निर्णय लेने की ताकत देनी ही होंगी। उसके आधार पर लिए गए फैसले को एक सामान्य मौत के बाद की जाने वाली पड़ताल की तरह नहीं की जा सकती है।'

आसान शब्दों में कहें तो सरकार का तर्क है कि ऑपरेशन के दौरान सेना द्वारा की गई कार्रवाई को न्यायिक समीक्षा के अंतर्गत नहीं लाया जा सकता है।

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Source : News Nation Bureau

Supreme Court modi govt AFSPA
      
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