पैन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़े जाने के बाद अब सरकार की योजना ड्राइविंग लाइसेंस को भी इससे जोड़ने की है। केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि सरकार जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़े जाने का काम शुरू करेगी।
प्रसाद ने कहा, 'हम ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से लिंक करेंगे। धोखाधड़ी रोकने के लिए ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्टर नितिन गडकरी से बात हुई है। इसके पहले हम पैन को आधार से जोड़ चुके हैं। इससे मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने में कामयाबी मिली है। आज आधार की डिजिटल आइडेंटिटी से लोगों की फिजिकल आइडेंटिटी आसानी से पता लगाई जा सकती है। डिजिटल गवर्नेंस ही गुड गवर्नेंस है।'
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्र सरकार अगले महीने इस प्रस्ताव को अमली जामा पहना सकती है।
ज़ाहिर है सरकार के इस कदम से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर रोक लगेगी। इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस किसी वजह से एक बार कैंसिल कर दिया जाता है तो दोबारा वो व्यक्ति किसी फ़र्ज़ी नाम से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बना पाएगा।
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क्योंकि आधार कार्ड में आपके सारे बॉयोमैट्रिक डिटेल होती है। इससे सरकारी एजेंसियों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय व्यक्ति विशेष के बारे में पता लगाना आसान होगा।
नए नियम के मुताबिक अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडीकल सर्टिफिकेट लगाने की झंझट भी नहीं होगी। लाइसेंस रिन्यू के लिए भी उन लोगों को ही मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा जिनकी उम्र 40 साल से अधिक है।
इस नियम के लागू होने के बाद से आपको लाइसेंस बनवाने के लिए वोटर आईडी, पासपोर्ट, एलआईसी जैसे दस्तावेज जमा नहीं करने होंगे। आपका आधार कार्ड ही काफी होगा।
फिलहाल लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस के लिए अलग से आवेदन करना होता है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत दोनों लाइसेंस के लिए एक बार ही आवेदन किया जा सकेगा।
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Source : News Nation Bureau