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कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की डेडलाइन 31 दिसंबर तक बढ़ी

केंद्र सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है, इसकी जानकारी एडिशनल जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को दी है।

Updated on: 31 Aug 2017, 08:18 AM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता की समयसीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है।

यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने दी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि आधार की अनिवार्यता की समयसीमा केंद्र सरकार ने 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की कोई ज़रुरत नहीं है और कोर्ट इस मसले पर नवंबर में सुनवाई करेगा।

बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की थी। इससे पहले 24 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधानिक पीठ ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार दिया था।

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सुप्रीम कोर्ट में आधार की वैधता और अनेक कल्याणकारी योजनाओं के लिए इसकी अनिवार्यता के लिए कई याचिकाएं लंबित है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार ने बताया था कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता के लिए 30 सितंबर की समयसीमा तय की है। इसके बाद आधार कार्ड नहीं लिया तो सरकार द्वारा दी जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा। 

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ध्यान देने वाली बात यह है कि संविधान पीठ ने आधार कार्ड को स्वैच्छिक रूप से मनरेगा, पीएफ, पेंशन और जनधन योजना के साथ लिंक करने की इजाजत दे दी थी, हालांकि पीठ ने साफ किया था कि इसे अनिवार्य नहीं किया जा सकता।

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