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सरकार की EU को दो टूक, वैक्सीन पर नहीं मानें तो नागरिक होंगे क्वारंटीन

मोदी सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि दोनों वैक्‍सीन को मंजूरी नहीं देने पर ईयू के नागरिकों के भारत पहुंचने पर क्‍वारंटीन (Quarantine) अनिवार्य कर दिया जाएगा.

Updated on: 01 Jul 2021, 07:35 AM

highlights

  • यूरोपीय संघ ने ‘ग्रीन पास’ योजना के तहत यात्रा पाबंदियों में ढील दी
  • इसके तहत कोविड-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति
  • कोविशील्ड औऱ कोवैक्सीन वैक्सीन पर अभी EU का रवैया स्पष्ट नहीं है

नई दिल्ली:

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन (Covaxin) को ग्रीन पास स्कीम में शामिल करने पर अपनाए जा रहे ढुलमुल रवैये को लेकर यूरोपीय संघ को दो टूक चेतावनी दी है. सरकार ने यूरोपीय संघ (EU) के सदस्य देशों से कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन को ग्रीन पास स्‍कीम में शामिल करने को कहा है. मोदी सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि दोनों वैक्‍सीन को मंजूरी नहीं देने पर ईयू के नागरिकों के भारत पहुंचने पर क्‍वारंटीन (Quarantine) अनिवार्य कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि यूरोपीय संघ ने अपनी ‘ग्रीन पास’ योजना के तहत यात्रा पाबंदियों में ढील दी है, वहीं भारत ने समूह के 27 सदस्य राष्ट्रों से अनुरोध किया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके लगवा चुके भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति देने पर वे अलग-अलग विचार करें.

भारत अदला-बदली की नीति अपनाएगा
सूत्रों ने बताया कि भारत ने ईयू के सदस्य देशों से कहा है कि वह परस्पर अदला-बदली की नीति अपनाएगा और ‘ग्रीन पास’ रखने वाले यूरोपीय नागरिकों को अपने देश में अनिवार्य क्‍वारंटीन से छूट देगा. शर्त यह है कि उसकी कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मान्यता देने के अनुरोध को स्वीकार किया जाए. सूत्रों ने कहा कि भारत ने ईयू से अनुरोध किया है कि कोविन पोर्टल के माध्यम से जारी वैक्‍सीनेशन सर्टिफिकेट को स्वीकार किया जाए. यूरोपीय संघ की डिजिटल कोविड सर्टिफिकेशन स्‍कीम या ‘ग्रीन पास’ स्‍कीम गुरुवार से प्रभाव में आएगी. इसके तहत कोविड-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति होगी.

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भारत में ग्रीन पास को लेकर संशय
इस रूपरेखा के तहत उन लोगों को ईयू के अंदर यात्रा पाबंदियों से छूट होगी जिन्होंने यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) की ओर से अधिकृत टीके लगवाए हैं. अलग-अलग सदस्य राष्ट्रों को उन टीकों को स्वीकार करने की भी स्वतंत्रता है जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से अधिकृत किया गया है. एक सूत्र ने कहा, ‘हमने ईयू के सदस्य राष्ट्रों से अनुरोध किया है कि भारत में कोविड-19 रोधी टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन की खुराक ले चुके लोगों को इसी तरह छूट देने पर वे अलग-अलग विचार करें. साथ ही कोविन पोर्टल के माध्यम से जारी वैक्‍सीनेशन सर्टिफिकेट को स्वीकार करें.’ भारत में आशंका रही है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवाने वाले लोग यूरोपीय संघ की ‘ग्रीन पास’ योजना के तहत उसके सदस्य देशों की यात्रा के लिए पात्र नहीं होंगे.

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EU के पास WHO के अधिकृत टीकों को मंजूरी का विकल्प
ईयू के एक अधिकारी ने कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के पास कोविशील्ड जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से अधिकृत टीकों को स्वीकार करने का विकल्प होगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल फोंटेलेस के साथ बैठक के दौरान कोविशील्ड को ईयू के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र योजना में शामिल करने का मुद्दा उठाया था. इटली में जी-20 की शिखरवार्ता से इतर यह बैठक हुई थी. वहीं, टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने बुधवार को कहा कि कंपनी को एक महीने में अपने कोविड-19 टीके कोविशील्ड के लिए यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) से मंजूरी मिलने का भरोसा है. पूनावाला ने यह भी कहा कि वैक्सीन पासपोर्ट का मुद्दा देशों के बीच परस्पर आधार पर होना चाहिए.