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मोदी सरकार ने बढ़ाए NPR की ओर कदम, अगले हफ्ते लगेगी कैबिनेट की मुहर!

CAA के बाद अब मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की ओर कदम बढ़ा रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार अगल सप्ताह मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अपडेशन और जनगणना को मंजूरी दे सकती है.

Updated on: 21 Dec 2019, 04:07 PM

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. अब इसके साथ ही मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) की ओर कदम बढ़ा रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय इसे लागू कराने के लिए कैबिनेट से 3,941 करोड़ रुपये की मांग भी की है. एनपीआर में सभी नागरिकों की व्यापक पहचान का डेटाबेस तैयार किया जाएगा. खास बात यह है कि इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी दर्ज की जाएगी.

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CAA और NRC को लेकर पहले ही देशभर में बवाल मचा हुआ है. दिल्ली सहित असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है. गैरबीजेपी राज्य इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं. सबसे ज्यादा विरोध पश्चिम बंगाल में हो रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CAA और NRC को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालीं ममता बनर्जी ने तो बंगाल में एनपीआर पर जारी काम को भी रोक दिया है.

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क्या है एनपीआर
NPR या नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर देश के सभी सामान्य निवासियों का डिजिटल पहचानपत्र होगा. इसे नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है. 2010 से सरकार ने देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस जमा करने के लिए इसकी शुरुआत की. इसे 2016 में सरकार ने जारी किया था.