मोदी सरकार ने शीत सत्र की तैयारी शुरू की, कैबिनेट सचिव ने उठाया ये कदम
संसद का शीतकालीन सत्र अक्सर नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले हफ्ते में शुरू होता है. पिछले साल कोरोना महामारी के प्रकोप की वजह से शीतकालीन सत्र नहीं हुआ था.
highlights
- संसद का शीत सत्र के लिए राजीव गौबा ने सचिवों को लिखा खत
- गौबा ने सचिवों को विधायी प्रस्तावों की स्थिति की समीक्षा करने को कहा
नई दिल्ली :
मोदी सरकार (Modi Government) ने अभी से संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) की तैयारियां शुरू कर दी है. हालांकि सत्र की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन इस सत्र में पास कराए जाने वाले विधेयकों को लेकर सरकार अपनी तैयारी में लग गई है. संसद का शीतकालीन सत्र अक्सर नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले हफ्ते में शुरू होता है. पिछले साल कोरोना महामारी के प्रकोप की वजह से शीतकालीन सत्र नहीं हुआ था. शीत सत्र को लेकर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने पिछले हफ्ते सभी सचिवों को पत्र लिखकर तैयारियां तेज करने को कहा है.
गौबा ने सचिवों को विधायी प्रस्तावों की स्थिति की समीक्षा करने को कहा
राजीव गौबा ने अपने पत्र में सचिवों से आगामी शीतकालीन सत्र में प्रस्तावित विधायी कार्यों का ‘विस्तृत मूल्यांकन’ करने के लिए कहा है. इसके साथ ही समयबद्ध तरीके से सभी कार्रवाई की तैयारी करने के भी निर्देश दिए हैं. सभी सचिवों को राजीव गौबा ने विधायी प्रस्तावों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए भी कहा है. जो अभी अलग-अगल स्तरों पर निलंबित पड़ा है. आगामी सत्र में पेश होने वाले नए बिल को लेकर भी समीक्षा करने के लिए कहा है.
मानसून सत्र में कुल 22 विधेयक पास हुए थे
बता दें कि संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session) बेहद हंगामेदार रहा था और साल 2014 के बाद से किसी सत्र में इतना व्यवधान देखने को मिला था .मानसून सत्र में विपक्ष ने कृषि कानूनों और पेगासस जासूसी कांड को लेकर खूब हंगामा किया. हालांकि इस हंगामे के बीचे ओबीसी आरक्षण पर संवैधानिक संशोधन विधेयक सहित कुल 22 विधेयक सरकार ने संसद में पास कराए.
राजीव गौबा ने पत्र में लिखा है कि मैं आपसे निजी रूप से ध्यान देने का अनुरोध करता हूं ताकि संसद के आगामी सत्र के लिए विधायी कार्य समयबद्ध तरीके से किया जा सके.
विधायी प्रस्तावों को कैबिनेट के विचार के लिए समय पर नोट जमा कराया जाए
पत्र में आगे कहा गया है कि संसदीय मंत्रालय, कानून मंत्रालय, विधेयक विभाग और अन्य विभागों के साथ सक्रिय सहयोग बेहद जरूरी है.इसके साथ ही सचिवों को कहा गया है कि विधायी प्रस्तावों को कैबिनेट के विचार के लिए समय पर नोट जमा कराया जाए.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
-
Lok Sabha Election 2024: एक्ट्रेस नेहा शर्मा ने बिहार में दिया अपना मतदान, पिता के लिए जनता से मांगा वोट
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
धर्म-कर्म
-
Aaj Ka Panchang 26 April 2024: क्या है 26 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Eye Twitching: अगर आंख का ये हिस्सा फड़क रहा है तो जरूर मिलेगा आर्थिक लाभ
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर