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मजदूरों को नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मोदी सरकार ने शुरू की ये सुविधा, जानिए कैसे उठाएं फायदा

टाइफैड ने सक्षम (Shramik Shakti Manch-SAKSHAM) नाम से एक ऐसा जॉब पोर्टल विकसित किया है, जो देशभर में एमएसएमई की ज़रूरतों और श्रमिकों के कौशल को आपस में जोड़कर एक साझा मंच प्रदान करेगा.

Updated on: 11 Feb 2021, 11:36 AM

highlights

  • टाइफैक (TIFAC) ने श्रमिकों के लिए सक्षम नाम से जॉब पोर्टल विकसित किया
  • श्रमिक सीधे MSME से जुड़ सकेंगे, करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा

नई दिल्ली :

कोविड-19 महामारी के चलते लोगों की नौकरियां गईं, जिस वजह से श्रमिकों को मज़बूरन अपने मूल घरों पर वापस लौटना पड़ा, लेकिन अब टाइफैक (TIFAC) ने सक्षम (Shramik Shakti Manch-SAKSHAM) नाम से एक ऐसा जॉब पोर्टल (Job Portal) विकसित किया है, जो देशभर में एमएसएमई की ज़रूरतों और श्रमिकों के कौशल को आपस में जोड़कर एक साझा मंच प्रदान करेगा. इससे श्रमिक सीधे एमएसएमई (MSME) से जुड़ सकेंगे, जिससे करीब 10 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा. इस पोर्टल की मदद से श्रमिकों को नौकरी मिलने की प्रक्रिया के बीच आने वाले श्रमिक ठेकेदार खत्म हो जाएंगे और श्रमिकों के कौशल दक्षता स्तर की पहचान और उनके लिए स्किल कार्ड्स विकसित करने में मदद मिलेगी. यह पोर्टल श्रमिकों को अपने आसपास मौजूद एमएसएमई में नौकरी ढूंढ़ने के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करेगा.

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इस तरह से उठा सकते हैं फायदा

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा शुरू की गई इस सुविधा के तहत मजदूरों को अपने गृह राज्यों में अपने कौशल के अनुकूल नौकरियों को खोजने के लिए व्हाट्सएप (WhatsApp) पर Hi लिखकर भेजना होगा. TIFAC के कार्यकारी निदेशक प्रदीप श्रीवास्तव के मुताबिक सक्षम की उत्पत्ति कोविड महामारी के दौरान हुई है. उनका कहना है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के चलते लाखों मजदूरों को बगैर काम के खाली हाथ अपने गृह राज्यों की ओर लौटना पड़ा था. उन्होंने कहा कि इस पोर्टल में भारत भर के MSMEs का भू-स्थानिक नक्शा शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यह सुविधा 7208635370 नंबर पर उपलब्ध है. उनका कहना है कि अगर कोई मजदूर व्हाट्सऐप चैटबॉक्स के ऊपर संदेश भेजता है तो उससे कुछ जरूरी जानकारियां जैसे कार्य अनुभव आदि के बारे में पूछी जाएंगी.वर्तमान में, चैटबॉट केवल अंग्रेजी और हिंदी में उपलब्ध है, लेकिन टीआईएफएसी परियोजना को अन्य भाषाओं में विस्तारित करने पर काम कर रहा है. बिना स्मार्टफोन वालों के लिए तैयार किए गए एक ऑफलाइन संस्करण को 022-67380800 पर मिस्ड कॉल के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा है कि विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति और टाइफैक द्वारा किए जाने वाले प्रयास, अविष्कार और नवाचार इकोसिस्टम को आपस में जोड़कर सांस्कृतिक परिवर्तन ला सकते हैं और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रत्येक क्षेत्र में आत्म-निर्भरता की भावना पैदा कर सकते हैं. आत्म निर्भर भारत के लिए ‘प्रौद्योगिकी, नवाचार और अर्थव्यवस्था’ थीम पर आधारित स्थापना दिवस कार्यक्रम में 10 फरवरी 2021 को अपने विचार रखते हुए प्रो. शर्मा ने कहा कि कि हमारे प्रयासों से पहले ही कई स्टार्ट-अप शुरू हो चुके हैं। हालाँकि हम स्टार्ट-अप्स की संख्या को व्यापक स्तर पर बढ़ा सकते हैं, यदि हम युवाओं में अपना खुद का स्टार्ट-अप शुरू करने की भावना और विश्वास को बढ़ावा दे सकें। आत्मनिर्भरता के लिए सोच में बदलाव होना ज़रूरी है. युवाओं को समाज की भलाई के लिए अपने व्यक्तिगत हितों से आगे बढ़कर सोचने की आवश्यकता है.

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वर्तमान दौर में विज्ञान में तेज़ी से होते बदलावों को रेखांकित करते हुए नीति आयोग के विज्ञान सदस्य और टाइफैक के अध्यक्ष डॉ. वी. के. सारस्वत ने साइबर-भौतिक प्रणाली, क्वांटम कंप्यूटिंग, हरित रसायन एवं पानी जैसी भविष्य की प्रौद्योगिकी प्राथमिकताओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने बल देकर कहा कि हमें ऐसी प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है, जिसमें भविष्य की संभावनाएं होने के साथ-साथ भारत को आत्मनिर्भर बनाने की ताकत हो. डॉ. सारस्वत ने कहा कि हमें ऐसे क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए, जहाँ प्रौद्योगिकी ने महत्वपूर्ण काम किया है, और स्वदेशी प्रौद्योगिकी को स्वतंत्र और विश्व स्तर पर सक्षम बनाने का प्रयास करना चाहिए. यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि हमारा ध्यान वर्तमान के साथ-साथ भविष्य पर भी केन्द्रित है, और इसलिए यहाँ टाइफैक की भूमिका काफी ज़्यादा बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) ने हाल ही में यह घोषणा की है कि वह हमारे देश को दुनिया के समकक्ष लाने के लिए भविष्य में होने वाले शोध को मंच प्रदान करने के लिए एक इकोसिस्सटम विकसित करेगा. (इनपुट पीआईबी)