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मोदी सरकार ने कोरोना से निपटने में योग और ध्यान के असर का अध्ययन करने के प्रस्ताव मांगे

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने कोरोना (Corona Virus) और इसके जैसे अन्य वायरस से निपटने में ‘योग और ध्यान’ के असर का अध्ययन करने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं.

Updated on: 12 Apr 2020, 10:40 PM

नई दिल्ली:

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने कोरोना (Corona Virus) और इसके जैसे अन्य वायरस से निपटने में ‘योग और ध्यान’ के असर का अध्ययन करने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं. विभाग ने वैज्ञानिक समूहों, चिकित्सा शास्त्रियों और योग एवं ध्यान के अनुभवी तथा इस क्षेत्र में शोधकार्य की पृष्ठभूमि वाले लोगों से विस्तृत विवेचना के साथ प्रस्ताव मांगे हैं. विभाग ने ये प्रस्ताव ‘योग एवं ध्यान की विज्ञान और प्रौद्योगिकी’ (सत्यम) कार्यक्रम के अंतर्गत आमंत्रित किए हैं.

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विभाग ने प्रस्ताव में अभ्यर्थी को योग और ध्यान के क्षेत्र में अपने अनुभव को साबित करने वाले सभी प्रमाण देने को कहा है. इस हेतु आवेदन की प्रक्रिया को विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया गया है. विभाग ने कहा कि इस तरह के अध्ययन का मकसद समाज में लोगों को ऐसी महामारी से उत्पन्न गंभीर हालात से निपटने में स्वयं अपना और दूसरों का मददगार बनाना है. इसे तात्कालिक जरूरत वाला काम बताते हुए विभाग ने अध्ययन की अवधि छह से 12 महीने निर्धारित की है.

कोरोना संक्रमण 909 नये मामले और मौत के 34 मामले एक दिन में सामने आए : स्वास्थ्य मंत्रालय

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के संक्रमण के 909 नये मामले सामने आए हैं और इस दौरान 34 लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले रविवार को बढ़कर 8356 हो गए, जबकि इससे हुई मौत का आंकड़ा 273 पर पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अब तक संक्रमित मरीजों में से 716 को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. इनमें से 74 मरीज पिछले एक दिन में स्वस्थ हुए हैं.

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अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय देश में कोविड-19 के परीक्षण की क्षमता को लगातार बढ़ाने की जरूरत पर बल दे रहा है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिये यथाशीघ्र अंतिम संक्रमित व्यक्ति तक पहुंचना संभव हो सके. उन्होंने बताया कि परीक्षण को बढ़ाने के लिये सरकार ने मानसिक चिकित्सा से जुड़े 14 अग्रणी संस्थानों को चिन्हित कर देश के सभी मेडिकल कालेजों को उन तरीकों से अवगत कराने को कहा है जिससे लोग बीमारी को छुपाने के बजाय अधिक से अधिक संख्या में परीक्षण के लिये अस्पतालों तक जाएं.