SC से मोदी सरकार का कल EWS Quota की सुनवाई का आग्रह
केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा है कि ईडब्ल्यूएस निर्धारित करने के लिए आय का 8 लाख रुपये का मानदंड ओबीसी क्रीमी लेयर के मुकाबले कहीं अधिक सख्त है.
highlights
- ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई
- केंद्र कह चुका है कि 4 सप्ताह के भीतर एक नया निर्णय लिया जाएगा
- रेजिडेंट डॉक्टर नीट काउंसलिंग में हो रही देरी पर रहे थे आंदोलनरत
नई दिल्ली:
केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से नीट-एआईक्यू मामले में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा पर 6 जनवरी के बदले तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसपर कहा कि वे जल्द सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना से सलाह लेंगे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि सुनवाई की तत्काल आवश्यकता है और मंगलवार को मामले पर सुनवाई का अनुरोध किया. वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने भी अदालत से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने बताया कि मामले की सुनवाई पहले तीन न्यायाधीशों की पीठ ने की थी और अन्य दो न्यायाधीश एक अलग पीठ पर बैठे हैं. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, 'मैं प्रधान न्यायाधीश से बात करूंगा.' शीर्ष अदालत ने केंद्र से याचिकाकर्ताओं के साथ रिपोर्ट की प्रति साझा करने को भी कहा. केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा है कि ईडब्ल्यूएस निर्धारित करने के लिए आय का 8 लाख रुपये का मानदंड ओबीसी क्रीमी लेयर के मुकाबले कहीं अधिक सख्त है. केंद्र ने ईडब्ल्यूएस मानदंड पर फिर से विचार करने के लिए गठित तीन सदस्यीय पैनल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है.
पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'सबसे पहले, ईडब्ल्यूएस का मानदंड आवेदन के वर्ष से पहले के वित्तीय वर्ष से संबंधित है, जबकि ओबीसी श्रेणी में क्रीमी लेयर के लिए आय मानदंड लगातार तीन वर्षों के लिए सकल वार्षिक आय पर लागू होता है.' पैनल ने कहा, 'दूसरी बात, ओबीसी क्रीमी लेयर तय करने के मामले में, वेतन, कृषि और पारंपरिक कारीगरों के व्यवसायों से होने वाली आय को विचार से बाहर रखा गया है, जबकि ईडब्ल्यूएस के लिए 8 लाख रुपये के मानदंड में खेती सहित सभी स्रोतों से शामिल है इसलिए इसके बावजूद एक ही कट-ऑफ संख्या होने के कारण, उनकी रचना भिन्न है और इसलिए, दोनों को समान नहीं किया जा सकता है.'
पैनल का गठन 30 नवंबर को किया गया था. 25 नवंबर को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने ईडब्ल्यूएस मानदंड के लिए 8 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा के मानदंड पर फिर से विचार करने का निर्णय लिया है और कहा कि 4 सप्ताह की अवधि के भीतर एक नया निर्णय लिया जाएगा. 21 अक्टूबर को, सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन से पीड़ित नहीं होने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के तहत आरक्षण देने के लिए 8 लाख रुपये की वार्षिक आय के ओबीसी क्रीमी लेयर के मानदंड को अपनाने पर केंद्र से सवाल किया था.
शीर्ष अदालत ने केंद्र के वकील से कहा, 'आप आठ लाख रुपये की सीमा लागू करके असमान को बराबर बना रहे हैं.' एक हलफनामे में, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 8 लाख रुपये की आय सीमा तय करने का उसका निर्णय नीट अखिल भारतीय कोटा में मनमाना नहीं है और इसे विभिन्न आर्थिक कारकों पर विचार करने के बाद अंतिम रूप दिया गया था. शीर्ष अदालत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा सीटों में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. नीट के माध्यम से चुने गए उम्मीदवारों में से एमबीबीएस में 15 प्रतिशत सीटें और एमएस और एमडी पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटा के माध्यम से भरी जाती हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
-
Riddhima Kapoor: पापा ऋषि कपूर की आखिरी कॉल नहीं उठा पाईं रिद्धिमा कपूर, आज तक है अफसोस
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी