मोदी सरकार ने केजरीवाल को बड़ा झटका दिया है. केंद्र ने दिल्ली सरकार के 'मेट्रो फ्री राइड' प्रस्ताव को आज लोकसभा में खारिज कर दिया है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से आज लोकसभा में टीएमसी सांसद सौगता रॉय ने फ्री दिल्ली मेट्रो योजन पर सवाल पूछा था. जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के पास दिल्ली मेट्रो में महिलाओं फ्री सेवा से जुड़ा कोई प्रस्ताव नहीं है.
Union Housing & Urban Affairs Minister Hardeep Singh Puri in Lok Sabha denies that Union Government has any proposal for free rides for women in Delhi Metro, the question was asked by TMC MP Saugata Roy. (file pic) pic.twitter.com/kOAgSBnfzy
— ANI (@ANI) June 27, 2019
मोदी सरकार ने केजरीवाल के 'मेट्रो फ्री राइड' प्रस्ताव को किया खारिज@ArvindKejriwal @AamAadmiParty @BJP4India https://t.co/eDnCanQTjA pic.twitter.com/bE1XnUcEyC
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बता दें कि इससे पहले हरदीप सिंह पुरी और मेट्रोमैन व लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रधान सलाहकार इंजीनियर श्रीधरन मुख्यमंत्री केजरीवाल के फ्री मेट्रो योजना का विरोध जताया था. हाल ही में श्रीधरन ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए एलएमआरसी को अपना इस्तीफा भेजा है. वहीं एलएमआरसी ने त्याग पत्र को शासन को भेजकर अवगत कराया है.
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बता दें, 10 तारीख को श्रीधरन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि, 'दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर सहमत न हों. जब मेट्रो शुरू हुई थी तब यह निर्णय लिया गया था कि किसी को भी यात्रा के लिए मेट्रो में किसी तरह की कोई छूट नहीं दी जाएगी. इस फैसले का स्वागत खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था और उन्होंने खुद टिकट लेकर दिसंबर 2002 में शाहदरा से कश्मीरी गेट तक पहली यात्रा की थी. दिल्ली मेट्रो केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार का संयुक्त उपक्रम है. कोई एक हिस्सेदार किसी एक हिस्से को रियायत देने का एकतरफा निर्णय नहीं ले सकता है'.
उन्होंने आगे कहा, 'मेट्रो का अपना स्टाफ यहां तक कि प्रबंध निदेशक भी जब यात्रा करते हैं तो टिकट खरीदते हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की योजना को लागू करने में 1000 करोड़ रुपये सालाना का खर्चा आएगा. यह खर्च साल दर साल बढ़ता ही जाएगा, क्योंकि मेट्रो बढ़ेगी और किराए बढ़ेंगे. समाज के एक हिस्से को रियायत दी जाएगी, तो बाद में दूसरे इससे भी रियायत देने की मांग करेंगे जैसे कि छात्र, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक आदि. जो कि इस रियायत के ज़्यादा हकदार हैं. यह बीमारी देश की दूसरी मेट्रो में भी फैलती जाएगी. इस कदम से दिल्ली मेट्रो अक्षम और कंगाल हो जाएगी. अगर दिल्ली सरकार महिला यात्रियों की मदद करना ही चाहती है तो उनके खातों में सीधा पैसा डाल दे.'
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वहीं इससे पहले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मेट्रो के फ्री राइड पर आपत्ति दर्ज करते हुए बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी पूरी तरह से महिलाओं के प्रति समर्पित है. हमलोग महिलाओं के लिए कुछ भी करेंगे, जो संभव है. उन्होंने कहा कि योजनाएं इस तरह से नहीं बनाई जाती है. पहले घोषणा करें फिर प्रोपोजल तैयार करें. वे वही चीज फिर से किया है जो अनाधिकृत कालोनी के केस में किया था.