कोरोना संकट काल में 'मैं हूं ना' का अहसास करा रहे मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी
देश में लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठप होने से निराश उद्यमियों का मनोबल बढ़ाने में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जुटे हैं. संकट की इस घड़ी में वह हर दिन उद्यमियों से बात कर 'मैं हूं ना' का अहसास करा रहे हैं.
नई दिल्ली:
देश में लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठप होने से निराश उद्यमियों का मनोबल बढ़ाने में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जुटे हैं. संकट की इस घड़ी में वह हर दिन उद्यमियों से बात कर 'मैं हूं ना' का अहसास करा रहे हैं. अब तक अपने मंत्रालयों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों तक वह अपना संदेश पहुंचा चुके हैं. इसके लिए उन्होंने तकनीक को हथियार बनाते हुए ऑडियो-वीडियो कांफ्रेंसिंग और सोशल मीडिया का सहारा लिया है.
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लॉकडाउन के बाद कोई दिन ऐसा नहीं है, जिस दिन उन्होंने सैंकड़ों लोगों से ऑडियो और वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात न की हो. वह लॉकडाउन के दौरान जहां उद्ममियों की समस्याएं डायरी में नोट कर उनका समाधान ढूंढने की कोशिश करते हैं तो उनसे कामकाज फिर से पटरी पर लाने के लिए सुझाव भी मांगते हैं. यहां तक कि सात समंदर पार पढ़ने वाले प्रतिभाशाली छात्रों से भी देश की बेहतरी के लिए सुझाव मांगना नहीं भूलते. गडकरी का मानना है कि संवाद से ही हर समस्या का समाधान निकल सकता है.
एमएसएमई मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, "केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अब तक जितनी भी वीडियो कांफ्रेसिंग की है. उसमें यह बात जरूर दोहराते हैं कि कोविड 19 महामारी को एक अवसर में बदलने की जरूरत है. वह निराशा के इस माहौल में आशा का संचार करने की कोशिश कर रहे हैं. जब एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री के स्तर से उत्साहवर्धन होता है तो लाजिमी है कि अधीनस्थों पर काफी फर्क पड़ता है."
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नितिन गडकरी ने बीते 26 अप्रैल को जब ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया सहित 43 देशों के प्रवासी भारतीय छात्रों के साथ संवाद किया था तो उसक विषय था- 'इंडिया रिस्पॉन्स टू ग्लोबल पैन्डेमिकरू रोडमैप फॉर इंडिया'. उन्होंने उस दौरान देश में चल रही कोरोना लड़ाई के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के साथ छात्रों से इस मुहिम का हिस्सा बनने की भी अपील की थी और कहा था कि युवाओं के पास ही भारत को दुनिया में अव्वल बनाने की क्षमता है. उन्होंने इन छात्रों से देश के लिए इनोवेटिव आइडियाज पर काम करने की अपील की थी. उन्होंने कहा कि चीन से मोहभंग होने का फायदा उठाएं.
नितिन गडकरी लॉकडाउन के दौरान अपने विजन को एमएसएमई सेक्टर से जुड़े लोगों को लगातार साझा कर रहे हैं. नितिन गडकरी ने एसोचैम के प्रतिनिधियों से बीते दिनों वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कहा कि जापान सरकार ने चीन से जापानी निवेश बाहर निकालकर कहीं दूसरी जगह स्थानांतिरत करने के लिए अपने उद्योगों को विशेष पैकेज की पेशकश की है. उन्होंने इसे भारत के लिए एक बड़ा अवसर मानते हुए भुनाने की जरूरत बताई.
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वीडियो कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था, "कंपनियों को भारत में संयुक्त उपक्रमों को स्थापित करने के लिए वैश्विक फर्मों को आकर्षित करते हुए उनके साथ नई भागीदारी करने की आवश्यकता है. हमें न केवल भारतीय मांग को बल्कि वैश्विक बाजार की मांग को भी पूरा करने का प्रयास करना होगा क्योंकि कई कंपनियां और देश चीन से दूरी बनाना चाहते हैं."
गडकरी का मानना है कि दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम आदि शहरों का बोझ कम करने की जरूरत है. गडकरी ने हाल में कई निवेशकों के साथ ऑनलाइन कांफ्रेंसिंग करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मेट्रो शहरों के बजाय दूसरे क्षेत्रों में औद्योगिक क्लस्टरों का विस्तार किए जाने की जरूरत है.
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उन्होंने उद्योग जगत से जुड़े लोगों को ऐसे प्रस्ताव बनाकर सरकार तक पहुंचाने का सुझाव दिया. गडकरी ने बताया कि देश में 22 एक्सप्रेस वे के निर्माण की तैयारी चल रही है. दिल्ली,मुंबई एक्सप्रेसवे के नए राजमार्ग पर तेज गति से काम चल रहा है. जहां औद्यौगिक समूहों, पार्कों और लॉजिस्टिक्स पार्कों आदि में निवेश का सुनहरा मौका मिलेगा. नितिन गडकरी के मुताबिक, इन राजमार्गों से जुड़ीं हुई दो हजार से अधिक सुविधाओं ईजाद की जाएंगी.
24 मार्च को देश में लगे लॉकडाउन के बाद से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अब तक एसोचैम, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स, भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स, फिक्की, एसएमई, क्रेडाई मुंबई, एसएमई, सीईओ क्लब ऑफ इंडिया, एआईपीए, भारतीय शिक्षण मंडल, यंगी प्रेसीडेंट्स ऑर्गनाइजेशन, महाराष्ट्र आर्थिक विकास परिषद जैसे प्रमुख संगठनों से जुड़े लोगों से बात कर उनके सुझाव ले चुके हैं.
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मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, वह अब तक दस हजार प्रमुख उद्यमियों से ऑनलाइन सुझाव ले चुके हैं. वहीं वेबिनार, ऑडियो-वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए करीब डेढ़ करोड़ लोगों तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं.
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