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अब आबादी, टीकाकरण दर देख दी जाएगी वैक्सीन, केंद्र की नई गाइडलाइंस

21 जून से लागू होने वाले राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण (Vaccination) कार्यक्रम के लिए मंगलवार को संशोधित दिशा-निर्देश जारी कर दिए.

Updated on: 08 Jun 2021, 02:14 PM

highlights

  • राज्य तय करेंगे कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्रॉयोरिटी
  • निजी अस्पताल के लिए कंपनियां तय करेंगी कीमत
  • टीकों की बर्बादी से डोज पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

नई दिल्ली:

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने 21 जून से लागू होने वाले राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण (Vaccination) कार्यक्रम के लिए मंगलवार को संशोधित दिशा-निर्देश जारी कर दिए. इसके अनुसार जनसंख्या, संक्रमण के मामलों की संख्या और टीकाकरण की प्रगति के आधार पर राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड-19 वैक्सीन की डोज़ आवंटित की जाएगी. साथ ही वैक्सीन की खुराक की कीमत प्राइवेट निजी अस्पतालों के लिए प्रत्येक वैक्सीन निर्माता कंपनियों की ओर से तय की जाएंगी. वैक्सीन की बर्बादी का आवंटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. गौरतलब है कि सोमवार को राष्ट्र के नाम संदेश में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा था कि कुल विकसित वैक्सीन का 75 फीसदी खुराक केंद्र खरीद कर राज्यों को मुफ्त उपलब्ध कराएगा.

कंपनियां तय करेंगी निजी अस्पतालों की वैक्सीन के दाम
सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि निजी अस्पतालों में लगने वाले कोरोना टीकों के दाम कंपनियों की ओर से तय किए जाएंगे. इसके अलावा राज्यों को छूट दी गई है कि 18 साल से अधिक आयु वाले लोगों के टीकाकरण के प्रॉयोरिटी ग्रुप वे अपने अनुसार तय कर सकते हैं. नई गाइडलाइंस के तहत केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले टीकों की अडवांस में जानकारी दी जाएगी. इसके बाद राज्यों को जिला प्रशासन को यह जानकारी देनी होगी. यही नहीं किस जिले के लिए कितने टीके आवंटित हुए हैं, इसका ब्योरा भी देना होगा. सरकार ने कहा है कि जिला प्रशासन को टीकों की उपलब्धता के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचानी होगी.

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निजी अस्पतालों की राज्य सरकारें करेंगी निगरानी
केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों में टीकों की कीमत को लेकर भी निर्देश दिए हैं. नए आदेश के तहत निजी अस्पतालों में लगने वाले टीकों की कीमत मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की ओर से तय की जाएगी. इसके अलावा किसी भी तरह के बदलाव की स्थिति में अस्पतालों को पहले से जानकारी दी जाएगी. कोरोना वैक्सीन की एक डोज के लिए निजी अस्पतालों की ओर से टीके की तय कीमत के अलावा 150 रुपये तक ही सर्विस चार्ज की वसूली की जा सकेगी. निजी अस्पतालों में वैक्सीन के लिए सही कीमत ली जा रही है या फिर नहीं, इसकी निगरानी का काम राज्य सरकारों को सौंपा गया है. 

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वैक्सीनेशन की यह है रफ्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुल विकसित वैक्सीन का 75 फीसद डोज केंद्र खरीदेगी और राज्यों को मुफ्त उपलब्ध कराएगी. इसपर कोई भी राज्य सरकार कुछ भी खर्च नहीं करेगी. देश 16 जनवरी से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया. अब तक कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 23,61,98,726 हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 33,64,476 वैक्सीन लगाई गईं.