केंद्र ने बैटरी से चलने वाले वाहनों के नवीनीकरण RC शुल्क में दी छूट
केंद्र सरकार ने बैटरी चालित वाहनों (BOV) को पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) जारी करने या नवीनीकरण करने और नए पंजीकरण चिह्न के असाइनमेंट के लिए शुल्क के भुगतान से छूट दी है.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने बैटरी चालित वाहनों (BOV) को पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) जारी करने या नवीनीकरण करने और नए पंजीकरण चिह्न के असाइनमेंट के लिए शुल्क के भुगतान से छूट दी है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 27 मई को इस संबंध में एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी, जिसमें बीओवी (Battery Operated Vehicles) के आरसी (RC) के नवीनीकरण को छूट देने का प्रस्ताव केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में और संशोधन किया गया. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है. मंत्रालय ने आगे कहा कि इस मसौदा अधिसूचना जारी होने की तारीख से तीस दिनों की अवधि के भीतर आम जनता और सभी हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गई हैं.
1 मिनट में चार्ज होगी यह बैट्री, IIT दिल्ली के छात्रों ने किया अविष्कार
भारत सरकार चाहती है कि 2030 से पहले कम से कम 30% वाहन, इलेक्ट्रिक वहीकल में तब्दील कर दिया जाए ,लेकिन इन्हें लेकर कई चुनौतियां हैं जैसे बैटरी को चार्ज करने में बहुत लंबा समय लगता है, इलेक्ट्रिक वहीकल की रेंज काफी कम है और ड्राइवर लेस गाड़ियां, आज भी किसी साइंस फिक्शन फिल्म की तरह दूर भविष्य में नजर आती है. अब यह सब कुछ सच होने वाला है, समस्याओं का समाधान लेकर आया है आईआईटी दिल्ली.
भारत के पास लिथियम के भंडार नहीं है जिनसे इलेक्ट्रिक वही कल की बैटरी बनाई जाती है, इसलिए सबसे पहले आईआईटी ने कोशिश की है की लिथियम की बैटरी का निर्माण भारत की जरूरतों के अनुसार मेड इन इंडिया तकनीक से किया जाए, क्योंकि भारत में गर्मी ज्यादा रहती है इसलिए ऐसी बैटरी बनाई जा रही है जो ना सिर्फ साइज़ में छोटी और पावर में ज्यादा हो, बल्कि तेज गर्मी और घनघोर ठंड का भी सामना कर पाए.
जब देश में मोबाइल का चलन तेजी से बढ़ा था, तब उसने रिमूवेबल बैटरी आती थी यानी, अगर बैटरी खत्म हो जाए तो दूसरी बैटरी डाल दीजिए. अगर ऐसी ही बैटरी स्वेपिंग टू व्हीलर यानी ई स्कूटर की बैटरी के साथ होने लगे तो यह गेम चेंजर तकलीक हो सकती है. जिसमें सिर्फ 1 मिनट के अंदर आपको एक फुल्ली चार्ज बैटरी मिल जाएगी यानी पेट्रोल भरने से भी कम समय में.
खास बात यह है कि यह सिर्फ प्रयोग के तौर पर नहीं है, बल्कि यह तकनीक आईआईटी दिल्ली के द्वारा पूरी तरह से विकसित की जा चुकी है. भारत सरकार के सहयोग से आने वाले चंद महीनों में सिर्फ राजधानी दिल्ली में 50 सेंटर बनाए जाएंगे जहां इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी को रेडियो फ्रिकवेंसी टैग के जरिए चेंज करके 1 मिनट में फुल बैटरी मिल सकेगी.
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