सरकार ने संसद में किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर दिल्ली पुलिस का ऐसे किया बचाव

नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर दिल्ली पुलिस की ओर से लाठीचार्ज और आंसू गैस के इस्तेमाल की घटना का मोदी सरकार ने बचाव किया है.

नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर दिल्ली पुलिस की ओर से लाठीचार्ज और आंसू गैस के इस्तेमाल की घटना का मोदी सरकार ने बचाव किया है.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
tractor rally

सरकार ने किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर दिल्ली पुलिस का ऐसे किया बचाव( Photo Credit : फाइल फोटो)

नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर दिल्ली पुलिस की ओर से लाठीचार्ज और आंसू गैस के इस्तेमाल की घटना का मोदी सरकार ने बचाव किया है. गृह मंत्रालय ने सदन में किसान आंदोलन पर किए गए सवाल पर कहा कि इसके अलावा दिल्ली पुलिस के पास कोई विकल्प नहीं था.

Advertisment

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब पर कहा कि प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है. साथ ही किसानों ने हिंसा भड़काने की भी कोशिश की थी. इस पर दिल्ली पुलिस के पास बल इस्तेमाल के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था.

लिखित बयान में कहा गया है कि जहां तक प्रदर्शनकारियों पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आंसू गैस का प्रयोग करने और लाठीचार्ज करने का संबंध है, दिल्ली पुलिस ने सूचित किया कि दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैक्टर-ट्रॉली में किसानों के बड़े काफिले ने हाल ही में कृषि कानूनों के विरुद्ध अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए दिल्ली में प्रवेश करने के लिए उग्र रूप से अपना रास्ता बनाने और दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग को पार करने का प्रयास किया. 

इस दौरान किसानों ने दिल्ली में आक्रामक रूप से दंगा किया. साथ ही सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया और लोक सेवकों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग किया, जिसके फलस्वरूप ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए.

साथ ही किसानों ने सामाजिक दूरी का भी पालन नहीं किया. कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के बीच बड़ी संख्या में किसान बिना फेस मास्क के एकत्रित हुए थे. इस दौरान दिल्ली पुलिस के पास प्रदर्शनकारी किसानों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन और हल्के बल प्रयोग करने के अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प नहीं था.

गृह मंत्रालय ने संसद में आगे कहा कि किसानों के इस प्रदर्शन में कोरोना की गाइडलाइंस का भी पालन नहीं किया गया. किसानों ने न तो मास्क लगाया था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया था. गृह मंत्रालय ने किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने कृषि कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में सितंबर से लेकर दिसबंर 2020 तक 39 मुकदमे दर्ज किए हैं. दिल्ली पुलिस के अनुसार, एक सुसाइड की भी रिपोर्ट दर्ज की गई है. 

Source : News Nation Bureau

MHA Modi Government parliament delhi-police farmer-protest Lok Sabha
      
Advertisment