मोदी सरकार का सुप्रीम कोर्ट में दावा: CAA किसी भी मौलिक अधिकार का हनन नहीं करता

केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में दावा किया कि नागरिकता संशोधन कानून, 2019 संविधान में प्रदत्त किसी भी मौलिक अधिकार का हनन नहीं करता है.

केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में दावा किया कि नागरिकता संशोधन कानून, 2019 संविधान में प्रदत्त किसी भी मौलिक अधिकार का हनन नहीं करता है.

author-image
Deepak Pandey
New Update
supreme court

सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

केंद्र (Modi Government) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में दावा किया कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA), 2019 संविधान में प्रदत्त किसी भी मौलिक अधिकार का हनन नहीं करता है. केंद्र ने इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपने 129 पेज के जवाब में नागरिकता संशोधन कानून को वैध बताया और कहा कि इसके द्वारा किसी भी प्रकार की संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन होने का सवाल ही नहीं है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंःपाकिस्तान में कोरोना वायरस से पहली मौत, ईरान ने 85000 कैदियों को जेल से किया रिहा

केन्द्र की ओर से गृह मंत्रालय में निदेशक बीसी जोशी ने यह हलफनामा दाखिल किया

केंद्र ने हलफनामे में कहा कि यह कानून कार्यपालिका को किसी भी प्रकार के मनमाने और अनियंत्रित अधिकार प्रदान नहीं करता है, क्योंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को इस कानून के अंतर्गत विर्निदिष्ट तरीके से ही नागरिकता प्रदान की जाएगी. केन्द्र की ओर से गृह मंत्रालय में निदेशक बीसी जोशी ने यह हलफनामा दाखिल किया है.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता का परीक्षण करने का निश्चय किया था, लेकिन उसे इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. संशोधित नागरिकता कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में कथित रूप से उत्पीड़न का शिकार हुये हिन्दू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी अल्पसंख्यक समुदाय के उन सदस्यों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है जो 31 दिसंबर, 2014 तक यहां आ गये थे.

यह भी पढ़ेंःCorona Virus के डर से आइसोलेशन में अभिनेता दिलीप कुमार, बोले- सायरा ने कोई मौका नहीं छोड़ा...

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ केरल और राजस्थान सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 का सहारा लेते हुये वाद दायर किया है जबकि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, माकपा, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस के जयराम रमेश, द्रमुक मुन्नेत्र कषगम, एआईएमआईएम, भाकपा और कई अन्य संगठनों ने 160 से अधिक याचिकायें शीर्ष अदालत में दायर की गयी हैं. 

PM Narendra Modi Modi Government Supreme Court caa Citizenship Amendment Act CAA Protest Shaheen Bagh
Advertisment