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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, जम्मू-कश्मीर से हटाई गईं अर्धसैनिक बलों की 72 कंपनियां

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ा फैसला किया है.

Updated on: 24 Dec 2019, 11:29 PM

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा को लेकर समीक्षा के बाद कश्मीर से 7,000 से अधिक अर्द्धसैन्य जवानों की तुरंत वापसी का आदेश दिया है. अधिकारियों ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल 72 कंपनियों को देश भर में अपने स्थानों पर लौटने को कहा गया है. इस तरह की एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं.

सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी से ली गई इन टुकड़ियों को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद कश्मीर घाटी भेजा गया था. सोमवार को जारी एक आदेश के मुताबिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 24 कंपनियों, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल की 12-12 कंपनियों को वापस भेजा जा रहा है. इस महीने की शुरुआत में घाटी से ऐसी करीब 20 कंपनियों को वापस भेज दिया गया था.

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गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार को जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 72 कंपनियों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि सीआरपीएफ की 24, बीएसएफ की 12, आईटीबीपी की 12, सीआईएसएफ की 12 और एसएसबी की 12 टुकड़ियां जम्मू-कश्मीर से तत्काल प्रभाव से हटेंगी. बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के दौरान सरकार ने वहां अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया था.

बता दें कि नई दिल्ली में मंगलवार देर शाम जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को लेकर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अध्यक्षता में 5 घंटे मैराथन बैठक चली थी. इस बैठक में कश्मीर की सुरक्षा को लेकर कई फैसले लिए गए हैं. इसमें एक निर्णय जम्मू-कश्मीर से अर्धसैनिक बलों की कंपनियों का भी है. कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को लेकर पहली बार इतनी लंबी बैठक हुई थी.

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इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू, एनएसए अजित डोभाल, सेना प्रमुख, गृह सचिव, आईबी चीफ, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी,  सीआरपीएफ डीजी आदि वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे. बता दें कि अनुच्छेद 370 के तहत पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा हासिल था. गृह मंत्री ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को खत्म करने और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने की घोषणा की थी जो 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आए.