प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से अलग-थलग करने में सफल रहे। गोवा में आयोजित शिखर सम्मेलन में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका यानी ब्रिक्स (BRICS) देशों के नेता एक साथ मौजूद हैं।
सितंबर महीने में जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 19 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में LoC में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसके बाद से ही पाक और भारत के बीच संबंध तल्ख हो गए हैं। हालांकि पाकिस्तान ने आतंकी हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया था और भारत से सबूत भी मांगे थे।
पाक पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक में कहा,'हमारी समृद्धि को आतंकवाद से सबसे ज्यादा खतरा है। दुर्भाग्य है कि आंतक का सप्लायर भारत का पड़ोसी है।' गोवा में ब्रिक्स बिम्सटेक आउटरीच सम्मेलन भी हो रहा है।
'आतंक के खिलाफ एकजुट हों ब्रिक्स देश'
पीएम मोदी ने कहा, 'BRICS देशों को चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए व्यावहारिक तौर पर एक-दूसरे का सहयोग करें। पाकिस्तान में आतंकी सोच को बढ़ावा मिल रहा है और वो आतंकियों को पनाह देता है। आतंकवाद मिडिल ईस्ट, वेस्ट एशिया यूरोप और साउथ एशिया के लिए बड़ा खतरा है। BRICS देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना पड़ेगा।'
रूस के साथ हुई डील
ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के प्रेजिडेंट पुतिन के बीच कई अहम समझौते हुए। दोनों देशों के बीच 1 अरब डॉलर की हेलिकॉप्टर डील भी हुई।
क्या है BRICS?
साल 2011 में ब्रिक्स की स्थापना हुई थी। इसमें शामिल देशों (जिनकी संयुक्त अनुमानित जीडीपी लगभग 16,000 अरब अमेरिकी डॉलर है) ने वॉशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक की तर्ज पर अपना बैंक स्थापित किया। वे जी-7 देशों की तर्ज पर ही अपने शिखर सम्मेलन आयोजित करते हैं।
Source : News Nation Bureau