प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में तीन तलाक संबंधी बिल को शुक्रवार को मंजूरी दे दी गई।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस बिल को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
तीन तलाक पर रोक लगाने के मकसद से मोदी सरकार 'मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल' के तहत इस विधेयक को लेकर आई है।
बिल के कानून बनने के बाद यह सिर्फ एक झटके में दिए जाने वाले तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर लागू होगा। कानून बनने के बाद अगर कोई अपनी पत्नी को तीन तलाक देगा तो उसे गैर-कानूनी माना जाएगा और इसके लिए तीन साल की सजा और जुर्माना तक भरना पड़ सकता है।
तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे।
गौरतलब है कि अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को 'अवैध' और 'असंवैधानिक' घोषित कर दिया था। कोर्ट ने तीन तलाक को कुरान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए इसे 'असंवैधानिक' घोषित कर दिया।
कोर्ट ने इसके बाद केंद्र सरकार को इस मामले में कानून बनाने का निर्देश दिया था।
हालांकि इसके बाद भी कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पुरुषों के खिलाफ किसी भी दंडनीय प्रावधान के अभाव में अब भी लोग तीन तलाक दे रहे हैं। इसे मौलवियों का एक तबका अभी भी वैध ठहरा रहा है।
और पढ़ें: देश से माफी मांगे पीएम मोदी, वरना नहीं चलने देंगे सदन- कांग्रेस
HIGHLIGHTS
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में तीन तलाक संबंधी बिल को शुक्रवार को मंजूरी दे दी गई
- कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस बिल को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा
Source : News Nation Bureau