PM Narendra Modi Oath Ceremony : नितिन गडकरी मोदी कैबिनेट में मंत्री बने
PM Narendra Modi Oath Taking Ceremony Live Updates: जानकारी के मुताबिक बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी को एक बार फिर से मोदी सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है.
highlights
- मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं गडकरी
- गडकरी का विवादों से भी रहा है नाता
- पिछली सरकार में भी मंत्री थे गडकरी
नई दिल्ली:
नितिन गडकरी मोदी कैबिनेट में मंत्री बने. लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद नरेंद्र मोदी अब राष्ट्रपति भवन में शपथ समारोह और मंत्रिपरिषद के गठन में जुटे हुए हैं. हर किसी को ये जानने की जल्दी है, आखिर किसे कौन सा मंत्रालय मिलेगा, किसका पद बढ़ेगा और किसका घटेगा. इसके साथ ही ये भी खबर सामने आ रही है कि मोदी कैबिनेट में कई नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है. जानकारी के मुताबिक बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी को एक बार फिर से मोदी सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी मिल सकती है. उन्हें कैबिनेट में जगह मिलने की बड़ी वजह उनका पिछला कार्यकाल और महाराष्ट्र में बीजेपी के धमाकेदार प्रदर्शन को बताया जा रहा है. बीजेपी ने महाराष्ट्र की 48 में से 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जीत हासिल की थी.
गडकरी का राजनीतिक जीवन
नितिन गडकरी ने 1973 में नागपुर विश्वविद्यालय में भारतीय जनता पार्टी की छात्र शाखा ABVP से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की. वो महज 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने, और अपने अपने आकर्षित और ऊर्जावान व्यक्तित्व के दम पर आरएसएस के चहेते नेता के रूप में उभरे. 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए जहां उन्होंने 4 साल तक काम किया साल 1989 में वो पहली बार विधान परिषद पहुंचे थे.
नितिन गडकरी का शुरुआती जीवन
नितिन गडकरी 27 मई 1957 को हुआ है. उनका जन्म महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. वे कामर्स में स्नातकोत्तर हैं इसके अलावा उन्होंने कानून तथा बिजनेस मनेजमेंट की पढ़ाई भी की है. गडकरी ने 1976 में नागपुर विश्वविद्यालय में भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की, बाद में वह 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की खूबी की वजह से वे सदा अपने वरिष्ठ नेताओं के प्रिय बने रहे. 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए और चार साल तक मंत्री पद पर रहे. 1989 में वे पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए, पिछले 20 वर्षों से विधान परिषद के सदस्य हैं और आखिरी बार 2008 में विधान परिषद के लिए चुने गए. वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे हैं.
विवादों से भी रहा है नाता
नितिन गडकरी का विवादों से भी नाता रहा है साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान गडकरी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बयान दिया था जिसके लिए वो विवादों में घिर गए थे. इसके बाद चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके अलावा एसएमएस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अजय संचेती से भी इनके करीबी रिश्ते बताए जाते हैं. अजय संचेती पर छत्तिसगढ़ में कम कीमतों पर कोयला आवंटन का आरोप लगा था.
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