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मोदी सरकार आज राज्यसभा में ला सकती है जनसंख्या नियंत्रण कानून!, पार्टी व्हिप जारी

इस व्हिप के बाद अटकलें तेज हो गईं कि मोदी सरकार मंगलवार को राज्यसभा में क्या कोई विधेयक (Act) लाने वाली है?

Updated on: 11 Feb 2020, 07:01 AM

highlights

  • बीजेपी ने अपने सांसदों को राज्यसभा में उपस्थित रहने का व्हिप जारी किया.
  • अंदरखाने की माने तो जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए विधेयक संभव.
  • 31 जनवरी से शुरू हुए बजट सत्र के पहले चरण का 11 फरवरी को समापन है.

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने राज्यसभा (Rajyasabha) सांसदों को मंगलवार को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप (Whip) जारी किया है. इस व्हिप के बाद अटकलें तेज हो गईं कि मोदी सरकार मंगलवार को राज्यसभा में क्या कोई विधेयक (Act) लाने वाली है? मामला इसलिए भी खास है कि मंगलवार को जहां दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Results 2020) के नतीजे आने हैं, वहीं यह बजट सत्र (Budget Session) के पहले चरण का आखिरी दिन भी है. वैसे मंगलवार को शाम चार बजे से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पर उठाए गए सवालों का जवाब भी देंगी. भाजपा के अंदरखाने जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए विधेयक लाए जाने की भी चर्चा है.

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बीजेपी ने जारी किया व्हिप
भाजपा ने तीन लाइन के व्हिप में सरकार के रुख का समर्थन करने के लिए सांसदों से उपस्थित रहने को कहा है. ऐसे में क्या सांसदों को किसी विधेयक पर वोटिंग के लिए उपस्थित रहने को कहा है या फिर बजट पर निर्मला के जवाब का समर्थन देने से ही मामला जुड़ा है, इसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. इस बजट सत्र के शुरू होने से पहले ही सरकार बता चुकी है कि उसका लक्ष्य 45 विधेयक पास कराना है. मगर पहले चरण के आखिरी दिन यानी 11 फरवरी को सरकार कौन सा विधेयक पेश करेगी, इस पर कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं. पार्टी के ही लोगों को इस बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है. 31 जनवरी से शुरू हुए बजट सत्र के पहले चरण का 11 फरवरी को समापन है. इसके बाद फिर दो मार्च से तीन अप्रैल तक बजट सत्र का दूसरा चरण चलेगा.

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दलितों के लिए भी ला सकती है कोई विधेयक
हालांकि कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से अपने एक फैसले में प्रमोशन को मौलिक अधिकार नहीं माना, उससे विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस को आरक्षण के खिलाफ बता दिया है. खुद सरकार के सहयोगी लोजपा के सांसद भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते नजर आए. उससे सरकार दलितों की संभावित नाराजगी को दूर करने के लिए राज्यसभा में कुछ कर सकती है. याद रहे कि साल 2018 में एससी, एसटी कानून में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बदलाव किए जाने पर देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद मोदी सरकार ने कानून बनाकर कोर्ट के फैसले को पलट दिया था.