पीएम नरेंद्र मोदी ने एक और परिपाटी बदली, अब पहले फाइल राज्य मंत्री के पास जाएगी फिर कैबिनेट में

कैबिनेट सचिव ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिए हैं कि कैबिनेट तक कोई भी फाइल पहुंचने से पहले संबंधित राज्य मंत्रियों के पास जाए औऱ वहां से मंत्रिमंडल तक पहुंचे.

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Nihar Saxena
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पीएम नरेंद्र मोदी ने एक और परिपाटी बदली, अब पहले फाइल राज्य मंत्री के पास जाएगी फिर कैबिनेट में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का बड़ा निर्णय.

नीति निर्णायक प्रक्रिया में राज्य मंत्रियों की भागीदारी बढ़ाने समेत उन्हें और जिम्मेदारी देने के लिए मोदी 2.0 सरकार ने एक बड़ा निर्णय किया है. इसके तहत कैबिनेट सचिव ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिए हैं कि कैबिनेट तक कोई भी फाइल पहुंचने से पहले संबंधित राज्य मंत्रियों के पास जाए औऱ वहां से मंत्रिमंडल तक पहुंचे. इसके साथ ही सभी मंत्रालयों और विभागों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि इस व्यवस्था का हर हाल में पालन किया जाए. निर्देश में कहा गया है कि जल्दबाजी या तात्कालिकता के नाम पर भी इस नियम की अनदेखी नहीं की जाए.

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राज्य मंत्रियों की जिम्मेदारी और महत्व बढ़ा
आमतौर पर नई सरकार के गठन के बाद इस तरह के दिशा-निर्देश हर मंत्रालय औऱ संबंधित विभाग को दिए जाते हैं. यह अलग बात है कि मोदी 2.0 सरकार ने इन दिशा-निर्देशों में इस बार राज्यमंत्रियों वाला एक पैरा और जोड़ा है. इसका दूसरा पहलू यह है कि अब निर्णय लेने की प्रक्रिया में और पारदर्शिता आएगी. साथ ही किसी तरह की अनियमितता पर भी रोक लग सकेगी. इस निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि फाइल ही नहीं, संसद में पूछे जाने वाले प्रश्नों यहां तक कि किसी विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी राज्य मंत्रियों के पास से होने के बाद ही कैबिनट मंत्री के पास पहुंचेंगे.

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इसके पहले राज्य मंत्री कम काम से रहते थे खफा
इसके पहले यह परिपाटी नहीं थी. इसके पहले तक अधिसंख्य कनिष्ठ मंत्रियों को कम महत्वपुर्ण कामों की जिम्मेदारी ही दी जाती थी. मसलन आधिकारिक भाषा और गैर तारांकित प्रश्नों के जवाब तैयार कराने तक ही उनकी भूमिका सीमित रहती है. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट सचिवालय के संयुक्त सचिव चंद्रशेखर कुमार ने सभी सचिवों को 7 जून को एक पत्र भेजा है. इसके साथ ही एक कार्यगत जिम्मेदारियों का एक प्रोफाइल भेजा था. इसे भर कर पीएमओ समेत सभी विभागों के कैबिनेट सचिवों को देना था. हालांकि वीआईपी मामलों से जुड़ी फाइल सीधे कैबिनेट मंत्री के पास ही जाएगी.

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मोदी 2.0 सरकार में है 31 राज्य मंत्री
मोदी 2.0 सरकार से पहले की सरकारों में अधिसंख्य राज्य मंत्रियों को यह शिकायत रहती थी कि उन्हें काम करने के मौके नहीं दिए जाते हैं. जाहिर है कम महत्वपूर्ण कामों की जिम्मेदारी देने से निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी भी कम ही रहती थी. पिछली सरकारों में कैबिनेट मंत्री चाहते भी नहीं थे कि राज्य मंत्री उनके काम में दखल दें. हालांकि मोदी 2.0 सरकार ने इस परिपाटी को भी बदल कर रख दिया है. अब राज्य मंत्री के अनुमोदन के बगैर कोई भी फाइल कैबिनेट मंत्री तक नहीं पहुंचेगी. गौरतलब है कि मोदी 2.0 सरकार में 31 राज्य मंत्री हैं, जिनमें से 9 के पास स्वतंत्र प्रभार है.

HIGHLIGHTS

  • अब कोई भी फाइल राज्य मंत्री के पास पहले जाएगी, इसके बाद कैबिनेट तक पहुंचेगी.
  • जल्दबाजी या तात्कालिकता के नाम पर भी इस नियम की अनदेखी नहीं हो सकेगी.
  • संयुक्त सचिव ने इस बाबात जारी किए व्यापक दिशा-निर्देश.
State Minister Modi 2.0 Government Routed junior ministers File cabinet ministers responsibility राज्य मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi
      
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