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उम्मीदवारों के लिए सरकारी गाड़ी और विमान का इस्तेमाल होगा बंद...देश में लगने जा रही आचार संहिता के जान लें नियम

Model Code of Conduct: देश में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर आज से आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने जा रही है, जान लें इससे जुड़े नियम

Updated on: 16 Mar 2024, 02:23 PM

New Delhi:

Model Code of Conduct: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चुनाव आयोग आज यानी 16 मार्च को चुनावी तारीखों का एलान कर देगा. चुनाव आयोग दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करेगा. चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देशभर में आज से ही आदर्श चुनाव आचार संहिता  (Model Code of Conduct)लागू हो जाएगी. सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को आचार संहिता का अनुपालन करना अनिवार्य होगा. आचार संहिता में कुछ ऐसे नियम होते हैं, उम्मीदवारों को जिनका अनुपालन करना अनिवार्य होता है. 

चुनाव पूर्व आचार संहिता की शुरुआत सबसे पहले 1960 में हुई

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव पूर्व आचार संहिता की शुरुआत सबसे पहले 1960 में हुई थी. इसके बाद 1967 के आम चुनाव और विधानसभा चुनावों के दौरान आदर्श चुनाव आचार संहिता को लागू किया गया. हालांकि समय और जरूरत के हिसाब से आचार संहिता में समय के साथ-साथ कई नियमों में संशोधन और बदलाव भी किया गया. इस खबर के माध्यम से आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आचार संहिता में वो कौन से नियम होते हैं, जिनका अनुपाल उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए अनिवार्य होता है. 

क्या होते हैं आचार संहिता के नियम?

  • आदर्श चुनाव आचार संहिता ( Code Of Conduct ) के तहत कोई भी सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टी न तो सरकारी योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर सकती है और न भूमि पूजन.
  • इसके साथ ही कोई भी उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल नहीं कर सकता.
  • उम्मीदवार या दल को चुनावी रैली या जुलूस निकालने के लिए क्षेत्रीय पुलिस से अनुमति लेनी होगा.
  • उम्मीदवार चुनाव में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकते हैं.
  • चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार के उद्देश्य से किसी की भूमि या घर की दीवार पर बैनर, पोस्टर या झंडा लगाने के लिए उसकी अनुमति लेना जरूरी होगा.
  • चुनाव के दौरान मतदान के दिन शराब की दुकान बंद रहेगी.
  • इस क्रम में कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के लिए शराब या रुपया आदि नहीं बांट सकता.
  • मतदान स्थल बेहद साधारण जगह सरकारी स्कूल आदि में बनाया जाएगा, जहां पर किसी भी तरह की चुनाव प्रचार सामग्री न हो.
  • कोई भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल वोट हासिल करने के लिए किसी वोटर पर न तो दबाव बना सकता है और न उसको धमका सकता है.