झारखंड में लातेहार जिले के चंदवा थाना अंतर्गत फैसला नामक गांव में ग्रामीणों ने पंचायत लगाकर एक दंपति के लिए सजा-ए-मौत का फरमान सुनाया और इसके बाद उनकी लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। वारदात मंगलवार देर रात की है और इसकी सूचना पुलिस को बुधवार दिन में मिली।
जिस दंपति की हत्या की गई है, उन्हें गांव में बैठी पंचायत ने डायन-ओझा करार दिया था। कहा गया कि दोनों के जादू-टोना की वजह से पूरे गांव का नुकसान हो रहा है, इसलिए इन्हें मौत के घाट उतार दिया जाए।
मारे गए दंपति की पहचान सिबल गंझू और उनकी पत्नी के रूप में की गई है। सूचना मिलने के बाद गांव पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि बीती रात पंचायत बैठी और और दंपति को जबरन वहां हाजिर किया गया। पंचायत में लिए गये निर्णय के अनुसार ही दोनों को लाठी-डंडे से तब तक पीटा गया, जब तक उनकी मौत न हो गई। पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई है और कई आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस के वरीय अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। उनका कहना है कि यह मामला समाज को कलंकित करने वाला है। मामले में जो भी दोषी पाये जायेंगे उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जायेगी।
सनद रहे कि झारखंड में हर साल डायन-जादू-टोना के नाम पर औसतन साठ से 70 हत्याएं कर दी जाती हैं। 2015 से लेकर अब तक डायन हिंसा के 5000 से भी ज्यादा मामले पुलिस में दर्ज हुए हैं। हिसाब बिठायें तो हर रोज दो से तीन मामले पुलिस के पास पहुंचते हैं। 15 नवंबर 2000 को झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद अब तक की बात करें तो डायन और तंत्र-मंत्र के नाम पर 1050 से भी ज्यादा हत्याएं हुई हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS