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कलबुर्गी हत्याकांड: पत्नी ने SC की निगरानी में जांच की मांग, NIA, CBI को नोटिस

मशहूर लेखक और जाने-माने तर्कवादी डॉक्टर एमएम कलबुर्गी हत्या मामले में जांच से असंतुष्ट पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उसकी निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच की मांग की है।

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Jeevan Prakash
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कलबुर्गी हत्याकांड: पत्नी ने SC की निगरानी में जांच की मांग,  NIA, CBI को नोटिस

नरेंद्र दाभोलकर, एमएम कलबुर्गी और गोविंद पनसारे (फाइल फोटो)

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मशहूर लेखक और जाने-माने तर्कवादी डॉक्टर एमएम कलबुर्गी की पत्नी की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कलबुर्गी की पत्नी ने अपने पति की हत्या की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की है।

शीर्ष अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और कर्नाटक, महाराष्ट्र व गोवा सरकार को भी नोटिस भेजा है।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ ने कलबुर्गी की पत्नी उमा देवी की कलबुर्गी, गोविंद पंसारे और नरेंद्र दोभालकर की हत्या की एक साथ जांच कराए जाने की मांग वाली याचिका के संबंध में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

उमा देवी ने तीनों की हत्या समान परिस्थितियों में होने का हवाला देते हुए यह याचिका दाखिल की है। उमा देवी ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक पुलिस की ओर से हत्या की जांच में कोई प्रगति नहीं हो रही है।

उमा देवी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हत्या की जांच के लिए गठित की जाने वाली एसआईटी की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय को कोई सेवानिवृत न्यायधीश करे।

आपको बता दें कि साल 2013 में महाराष्ट्र के 68 वर्षीय नरेंद्र दाभोलकर, 2015 में 81 वर्षीय गोविंद पानसरे और 2015 में कर्नाटक के 77 वर्षीय एमएम कलबुर्गी की हत्या कर दी गई थी।

एमएम कलबुर्गी

हम्पी विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके कलबुर्गी को 2006 में राष्ट्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी 23 दिसंबर 2015 को कर्नाटक के धारवाड़ में उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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कलबुर्गी ने मूर्तिपूजा के विरोध में बयान दिया था। जिसके बाद कुछ दक्षिणपंथी संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया था और उसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई थी।

नरेंद्र दाभोलकर

अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाने वाले नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को हत्या कर दी गई थी। वह एक भारतीय तर्कवादी और महाराष्ट्र के लेखक थे। उन्होंने महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (MANS) की स्थापना की थी। उन्हें मरणोपरांत 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

सीबीआई ने इस मामले में डॉ वीरेंद्र सिंह तावड़े को गिरफ्तार किया था। तावड़े साल 2001 में चिकित्सा का पेशा छोड़कर सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति से जुड़ गए जो खुलेआम डॉ नरेंद्र दाभोलकर का विरोध करती थी।

गोविंद पनसारे

वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता और सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पनसारे की 16 फरवरी 2015 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोलीबारी में उनकी पत्नी भी घायल हुई थी।

पुलिस ने बताया था कि विनय पवार और सारंग दिलीप अकोलकर ने 16 फरवरी, 2015 की सुबह शहर में पनसारे और उनकी पत्नी पर गोलियों की बौछार कर दी। पुलिस ने इस मामले में दक्षिण पंथी समूह सनातन संस्था के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।

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Source : News Nation Bureau

maharashtra NIA govind Pansare SIT probe narendra dabholkar cbi MM Kalburgi murder Case
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