तमिलनाडु के मुख्यमंत्री न्यूट्रिनो वेधशाला परियोजना पर करेंगे उच्च स्तरीय बैठक

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री न्यूट्रिनो वेधशाला परियोजना पर करेंगे उच्च स्तरीय बैठक

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री न्यूट्रिनो वेधशाला परियोजना पर करेंगे उच्च स्तरीय बैठक

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IANS
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MK Stalin

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन बुधवार को थेनी जिले के पश्चिमी घाट में बाघ गलियारे में प्रस्तावित भारत स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला (आईएनओ) पर राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसकी जानकारी सूत्रों ने दी।

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तमिलनाडु प्रतिनिधिमंडल के पूर्व केंद्रीय मंत्री टी.आर. बालू ने इससे पहले नई दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। राज्य ने पश्चिमी घाट से न्यूट्रिनो वेधशाला परियोजना के संचालन पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) की एक उच्च स्तरीय बैठक बुधवार को नई दिल्ली में होनी है और इसका एक एजेंडा न्यूट्रिनो ऑब्जर्वेटरी प्रोजेक्ट हो सकता है।

स्टालिन ने पहले ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि प्रस्तावित स्थल पर परियोजना को लागू नहीं किया जा सकता है।

सूत्रों ने कहा कि परियोजना निगरानी समूह के प्रमुख पीयूष गोयल ने कथित तौर पर जुलाई में हुई एक बैठक में तमिलनाडु के अधिकारियों से कहा था कि अगर राज्य न्यूट्रिनो वेधशाला परियोजना का विरोध करता है तो केंद्र सरकार तमिलनाडु को केंद्रीय योजनाओं और परियोजनाओं को रोक देगी।

तमिलनाडु की ओर से टी.आर. बालू ने केंद्रीय मंत्री के साथ अपनी बैठक में बताया था कि केंद्र राज्य को परियोजना पर प्रस्तुत करने के लिए धमकी नहीं दे सकता है। परियोजना तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के बिना आगे नहीं बढ़ सकती है।

वर्तमान में, यह परियोजना तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य वन्यजीव बोर्ड के समक्ष लंबित है।

आईएनओ परियोजना पिछले दो दशकों से ठंडे बस्ते में है क्योंकि कई अदालती मामले और पारिस्थितिक मुद्दे परियोजना के लिए बाधा पैदा कर रहे हैं।

तमिलनाडु सरकार मुख्य रूप से पारिस्थितिक आधार पर परियोजना का विरोध कर रही है क्योंकि परियोजना का बड़ा हिस्सा प्रोजेक्ट टाइगर और पश्चिमी घाट से होकर गुजरेगा।

इन चीजों की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि जिस परियोजना में एक भूमिगत घटक है। वह मथिकेट्टन शोला के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन पैदा करेगी, जिसके माध्यम से परियोजना गुजरती है और उस क्षेत्र में बाघों की आबादी को कमजोर कर देगी, जिसमें केरल वन भूमि के साथ एक बाघ गलियारा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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