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पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर
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इसके पहले एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष पेश अकबर ने रमानी द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर
आपराधिक मानहानि मामले में सुनवाई के लिए सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. इसके पहले एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष पेश अकबर ने रमानी द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया था. उन्होंने अपने बयान में कोर्ट को शैक्षणिक योग्यता और पेशे की जानकारी दी थी और प्रिया रमानी पर जानबूझकर छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था. इससे पहले एमजे अकबर ने अपना पूरा बयान दर्ज कराया था. कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराते हुए अकबर ने अपने पत्रकारिता करियर, लेखक होने के बारे में बताया था. अकबर ने कहा था कि बतौर पत्रकार मेरा करियर काफी लंबा रहा है, मैं काफी छोटी उम्र में ही संडे गार्जियन (कोलकाता) का एडिटर बन गया था.
MJ Akbar arrives in Delhi's Rouse Avenue court for cross-examination in the defamation case he has filed against journalist Priya Ramani. (File pic) pic.twitter.com/UVC0SR6s2g
— ANI (@ANI) May 20, 2019
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उन्होंने कहा कि मैंने दैनिक अखबार टेलिग्राफ से करियर की शुरुआत की थी. साल 1993 में एशियन एज का एडिटर बना और उसके बाद मैं संडे गार्जियन का एडिटर बना. अकबर ने कहा था कि प्रिया रमानी के खिलाफ मैंने मानहानि का केस किया है, उन्होंने मेरे ऊपर आरोप लगाते हुए कई ट्वीट किए थे.
अकबर ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने रमानी द्वारा 10 और 13 अक्टूबर को किए गए ट्वीट पर मानहानि का केस किया है. इन ट्वीट्स को कई अखबारों और वेबसाइटों ने छापा. उन्होंने कहा था कि उनके द्वारा जो आर्टिकल लिखा गया था, उसमें मेरा नाम नहीं है. जब उनसे पूछा गया तो भी उन्होंने ये ही कहा था कि मैंने कुछ नहीं किया था.
दरअसल, एमजे अकबर की तरफ से प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस पटियाला हाउस कोर्ट में दायर किया गया था. अर्जी में कहा गया है कि उनके खिलाफ झूठी कहानियों की एक श्रृंखला एक एजेंडे की पूर्ति के लिए प्रेरित तरीके से प्रसारित की जा रही है. उनकी छवि खराब करने के लिए रमानी ने दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठी कहानी का सहारा लिया है, जोकि मीडिया में फैल रही है. इससे न सिर्फ उनकी पारिवारिक बल्कि राजनीतिक छवि पर भी बुरा असर पड़ रहा है.
आपको बता दें कि मीटू के आरोपों का सामना कर रहे एमजे अकबर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. एमजे अकबर ने अपने इस्तीफे में कहा था कि उन्होंने न्याय के लिए व्यक्तिगत तौर पर केस दायर किया है. इसलिए अपने पद से हटकर खुद पर लगे झूठे आरोप का सामना करना चाहते हैं. ट्विटर पर 'मी टू' अभियान के तहत एमजे अकबर के साथ करीब बीस साल पहले काम कर चुकीं पत्रकार प्रिया रमानी ने उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. अन्य महिलाओं ने भी इस अभियान के तहत ट्विटर पर ही अकबर पर ऐसे ही आरोप लगाए थे.
Source : News Nation Bureau