तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा बुलाए गए भारत बंद को पुडुचेरी में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। यहां एआईएनआरसी-बीजेपी गठबंधन का शासन है।
देशव्यापी बंद के समर्थन में पुडुचेरी शहर में दुकानें और प्रतिष्ठान बंद दिखे, लेकिन राज्य परिवहन की बसों सहित वाहन शहर में सेवा करते दिखे। ऑटो रिक्शा और टैक्सियों को भी शहर में बड़ी संख्या में चलते देखा गया और बंद का कोई प्रत्यक्ष अनुभव नहीं देखने को मिला।
पुडुचेरी के एक व्यापारी पांडियाराजन दुरईमुरुगन, जो एक किराने की दुकान और एक थोक बर्तन की दुकान के मालिक हैं उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मैंने डीएमके और अन्य विपक्षी दलों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में अपनी दुकान बंद कर दी है। कृषि कानूनों को जल्द से जल्द रद्द कर देना चाहिए। देश के किसानों को सीधे प्रभावित करने वाले मुद्दों पर भारत सरकार को एकतरफा रुख नहीं लेना चाहिए। हम एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था हैं और किसानों के आंसू बेकार नहीं जाएंगे।
माहे, जो भौगोलिक रूप से केरल में है और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी का एक हिस्सा भारत बंद के समर्थन में बंद रहा। केरल की तरह ही माहे में भी वाहन नहीं चल रहे थे। इस क्षेत्र में निजी वाहन भी सड़कों से नदारद रहे।
माहे के एक शराब दुकान कर्मचारी राजेश कुमार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हमने भारत बंद के समर्थन में दुकान बंद कर दी है और यह कठोर कृषि कानून रद्द होने चाहिएं। यह लड़ाई केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ है और हम केंद्र सरकार द्वारा एकतरफा लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए मदद की है।
हालांकि पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश के दो अन्य क्षेत्रों कराईक्कल और यनम में जनजीवन सामान्य रहा और दुकानें व प्रतिष्ठान खुले रहे। सड़कों पर राज्य परिवहन के वाहन, टैक्सी और ऑटो सहित वाहन दौड़ते देखे गए।
कराईक्कल के एक व्यापारी अली सुबैर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यहां हम आम तौर पर दुकानें बंद नहीं करते हैं। मैंने भी दुकान बंद नहीं की, हालांकि मैं केंद्र में भाजपा सरकार की कृषि नीतियों के खिलाफ हूं।
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Source : IANS