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इराक से लापता 39 भारतीयों पर बोली सुषमा स्वराज, बिना सबूत नहीं मानेंगे मृत

सुषमा स्वराज ने सदन को बताया कि इसके कोई साक्ष्य नहीं हैं कि इराक के मोसुल में गायब 31 भारतीयों की मौत हो गई है।

Updated on: 26 Jul 2017, 01:53 PM

highlights

  • सुषमा स्वराज ने सदन को बताया कि इसके कोई साक्ष्य नहीं हैं कि इराक के मोसुल में गायब 31 भारतीयों की मौत हो गई है
  • उन्होंने यह भी कहा कि उनके वहां मौजूद होने के भी सबूत नहीं मिले हैं
  • सुषमा स्वराज ने कहा कि मैंने कभी लोगों को गुमराह नहीं किया

 

नई दिल्ली:

इराक में लापता भारतीयों के मारे जाने की ख़बर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के सवाल पर जवाब दिया है।

विदेश मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को और उन खबरों को खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि इराक में लापता भारतीय जीवित नहीं हैं। सुषमा स्वराज ने सदन को बताया कि इसके कोई साक्ष्य नहीं हैं कि इराक के मोसुल में गायब 31 भारतीयों की मौत हो गई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनके वहां मौजूद होने के भी सबूत नहीं मिले हैं।

सुषमा स्वराज ने कहा, 'मैंने कभी लोगों को गुमराह नहीं किया, इससे मेरा क्या फायदा होगा। मेरी आस्था लोकतंत्र और ससंद में है। इराक़ के विदेश मंत्री भी यही बात कह रहे हैं की वे नही जानते कि वे जिन्दा है या मर गए।'

उन्होंने कहा, 'बिना किसी सबूत के किसी को मारा हुआ कहना पाप है, और मैं इस पाप की भागीदार नहीं बनूंगी। मेरा मानना है कि जल्द ही इस रहस्य से पर्दा उठेगा'

सुषमा ने कहा कि अगर मैं आज कह दूं कि वो मर गए हैं पर कल को कोई जीवित निकला तो किसे दोष देंगे। मैंने कभी नहीं कहा कि वो लोग जेल में बंद हैं। अगर किसी परिवार वाले का मुझ पर से भरोसा उठ गया है तो वे आजाद हैं। 

विदेश मंत्री ने कहा, '24 नवंबर 2014 को मैंने कहा था कि एक व्यक्ति कह रहा है कि वो मार दिए गए हैं, और 6 सूत्र कह रहे हैं कि वो जिंदा हैं तो मुझे क्या उन्हें ढूंढना नहीं चाहिए। मैंने बार-बार सदन से कहा था कि मेरे पास उनके जीवित होने का कोई सबूत नहीं है, ना ही मेरे पास उनके मारे जाने का कोई ठोस सबूत है। मैं सदन की अनुमति चाहूंगी कि अगर मेरा रास्ता सही है तो हम इसमें आगे बढ़ सके।'

उन्होंने कहा, 'मैं 12 बार पीड़ितों के परिवार से मिली हूं, मैंने हर बार कहा कि मेरे पास उनके जीवित रहने की कोई जानकारी नहीं है, मैं सूत्रों के हवाले से ये कह रही हूं, लेकिन मेरे सूत्र कोई ऐसे वैसे नहीं हैं हमें एक देश के राष्ट्रपति, एक देश के विदेश मंत्री ने ये बताया है। उनकी फाइल तब तक बंद नहीं कर सकते हैं जब तक कोई सबूत ना हो।'

सुषमा स्वराज ने कह, 'ये घटना हमारी सरकार आने के 20 दिन बाद की है। उस समय हरजीत ने ये बयान दिया था कि उसके सामने 39 लोगों को मार दिया गया था, लेकिन वो भाग कर आ गया। लेकिन हमें ना ही कहीं लाशें मिली, ना ही कोई सूची मिली, और इसलिए हम कैसे कह सकते हैं। हरजीत के बयान में काफी विरोधाभास है, जिस मुद्दे को उठाया गया था। हमने मोसुल के आस-पास तलाशी ली है, मैंने जो कुछ भी किया है वह सदन को विश्वास में लेकर किया'

हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि इराक में 2014 में लापता हुए 39 भारतीय नागरिक बादुश में एक जेल में कैद हो सकते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि इलाके में जारी संघर्ष के खत्म होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

उन्होंने कहा कि 'मुझे उम्मीद है कि सभी जिंदा होंगे। दाएस ने नहीं मारा होगा। हो सकता है वो उन्हें मजदूर के तौर पर इस्तेमाल कर रहे होंगे। उम्मीद है कि सभी 39 भारतीय कहीं होंगे। उम्मीद है कि अगले कुछ सप्ताह-महीनों ने अच्छी खबर मिलेगी।'

सुषमा बोलीं कि तस्वीर से बस इतना पता चलता है कि जेल ढह गई है, लेकिन ये नहीं पता लगता कि सभी लोग मार दिए हैं।

इराक के विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे पास ना ही जिंदा होने या मारे जाने का ठोस सबूत है, 2016 के बाद कोई सूचना नहीं है। लेकिन फिर भी तलाश जारी है।

विदेश मंत्री ने कहा कि मैंने उनसे अपील की है कि अब जो भी जानकारी दें तो सबूत के साथ दें, बिना सबूत अब मैं परिवार से बात नहीं कर सकती हूं। साथ ही उनसे जेल के वॉर्डन से बात करने को भी कहा है जिससे भारतीयों के बारे में जानकारी मिले।

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