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सामने आई लापता AN-32 एयरक्राफ्ट के मलबे की पहली तस्वीर, देखें घने जंगल कैसे पड़े हैं विमान के पार्ट्स

भारतीय वायुसेना का लापता विमान AN-32 का पता लगा लिया गया है. 13 लोगों के साथ लापता हुआ एएन-32 विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश में देखा गया.

Updated on: 12 Jun 2019, 12:10 AM

highlights

  • अरुणाचल प्रदेश में एएन-32 विमान का मलबा बरामद
  • लिपो नाम के जगह से 16 किलोमीटर दूर मलबा बरामद
  •  मैरीटाइम टोही विमान पी-8आई और उपग्रहों को भी खोज में लगाया गया था

नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना का लापता विमान AN-32 का पता लगा लिया गया है. 13 लोगों के साथ 3 जून को लापता हुआ एएन-32 विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश में देखा गया. विमान के मलबे की पहली तस्वीर सामने आई है. घने जंगलों के बीच विमान का मलबा दिख रहा है.अरुणाचल प्रदेश के लिपो नाम की जगह से 16 किलोमीटर दूर विमान के टुकड़े को देखा गया.इसके बाद सर्च अभियान और तेज कर दिया गया.


भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने, 'खोज के विस्तृत क्षेत्र में एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने 12,000 फुट की अनुमानित ऊंचाई पर टेटो के उत्तर-पूर्व में लापता ट्रांसपोर्टर विमान एएन-32 के मलबे को लीपो में देखा है.'

सिंह ने कहा, 'हमारा अगला प्रयास है कि हम मलबे वाली जगह पर जाएं और टेल नंबर के-2752 वाले दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स और सीवीआर की खोज करें.'

जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरा था विमान

3 जून को रूसी मूल के एएन-32 विमान ने असम के जोरहाट एयरबेस से चीनी सीमा के नजदीक अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी. विमान का दोपहर 1.30 बजे ग्राउंड स्टाफ से संपर्क टूट गया था.

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पूर्वी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल आर.डी. माथुर खोज और बचाव कार्यो की निगरानी कर रहे हैं.

पांच लाख का इनाम घोषित किया गया था

वायुसेना ने 8 जून को लापता विमान के स्थान का पता या इससे संबंधित जानकारी देने के लिए पांच लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी. विमान का पता लगाने के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, एसयू-30 एमकेआई, सी130 और आर्मी यूएवी को सेवा में लगाया गया था.

 मैरीटाइम टोही विमान पी-8आई और उपग्रहों को भी खोज में लगाया गया

भारतीय नौसेना के लॉन्ग रेंज मैरीटाइम टोही विमान पी-8आई और उपग्रहों का भी लापता विमान को खोजने के लिए उपयोग किया गया. इसके अलावा, भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियों की टीमें विमान के लापता होने के दिन से जमीनी स्तर पर खोज अभियान में शामिल थीं.