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जमीन से हवा में मार करती है ये मिसाइल, DRDO ने किया सफल परीक्षण

डीआरडीओ (DRDO) लगातार भारतीय सेना की शक्ति बढ़ा रहा है. भारत ने कम रेंज की जमीन से हवा में मार करने वाली वर्टिकली (जमीन से लंबवत) लॉन्च मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का ओडिशा के तट से सफल परीक्षण किया है.

Updated on: 07 Dec 2021, 08:24 PM

highlights

  • मुख्य रूप से नौसेना की बढ़ाई जा रही शक्ति
  • गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि डीआरडीओ स्वदेशी ड्रोन रोधी तकनीक पर कर रहा काम
  •  वैज्ञानिकों की क्षमता पर देश को पूरा भरोसा

नई दिल्ली :

डीआरडीओ (DRDO) लगातार भारतीय सेना की शक्ति बढ़ा रहा है. भारत ने कम रेंज की जमीन से हवा में मार करने वाली वर्टिकली (जमीन से लंबवत) लॉन्च मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का ओडिशा के तट से सफल परीक्षण किया है. आपको बता दें कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि डीआरडीओ की ओर से नौसेना के युद्धपोतों के लिए एक ऐसी हवाई रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) विकसित किया जा रहा है जो लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तक निशाना लगा सकेगा. इससे देश की शक्ति में इजाफा हुआ है. बताया जा रहा है कि अब देश हवा में मारक क्षमता वाले व्यपन में दुनिया में टॅाप 5 देशों में अपना नाम दर्ज करा सकेगा.

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जल्द ही होगी तकनीक विकसित 
दरअसल, हाल ही में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि देश की सीमाओं पर बढ़ते ड्रोन खतरे से निपटने के लिए डीआरडीओ स्वदेशी ड्रोन रोधी तकनीक पर काम कर रहा है. हमें अपने वैज्ञानिकों पर पूरा भरोसा है. हम दुनिया में किसी देश से कम नहीं हैं. यह तकनीक जल्द ही सुरक्षा बलों को उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा था कि बीएसएफ, डीआरडीओ और एनएसजी ड्रोन रोधी तकनीक विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे अपने वैज्ञानिकों पर पूरा भरोसा है कि हम जल्द ही स्वदेशी ड्रोन रोधी तकनीक विकसित करने में सफल होंगे.

जानकारी  के मुताबिक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि डीआरडीओ की ओर से नौसेना के युद्धपोतों के लिए एक ऐसी हवाई रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) विकसित किया जा रहा है. जो लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तक निशाना लगा सकेगा. इस तकनीक को आगे और विकसित किया जाएगा. ताकि भारत की हवाई मारक क्षमता बढ़ सके. डीआरडीओ के वैज्ञानिक इस पर लगातार काम कर रहे हैं.