उत्तराखंड के कृषि मंत्री स्विट्जरलैंड स्थित एफआईबीएल (जैविक कृषि अनुसंधान संस्थान) का भ्रमण किया। कृषि मंत्री गणेश जोशी इन दिनों यूरोपीय देशों के परिचयात्मक भ्रमण पर हैं। बीते दिनों उन्होंने जर्मनी में एक संस्था के साथ एक एमओयू हस्ताक्षर किया, जो उत्तराखंड में जैविक कृषि को लेकर सकारात्मक लाभ देगा।
मंगलवार को स्विट्जरलैंड पहुंचे। सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने एफआईबीएल (जैविक कृषि अनुसंधान संस्थान) का भ्रमण किया। इस मौके पर एफआईबीएल संस्थान की निदेशक ब्याटे हुबर ने कृषि मंत्री एवं उनके साथ भ्रमण पर गए दल का स्वागत किया और संस्थान द्वारा जैविक कृषि क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों एवं रिसर्च के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक अमृतबीर रियार ने भी रेसिडेंट क्रॉपिंग पद्धति का प्रस्तुतिकरण दिया। साथ ही, सामाजिक आर्थिक नीति निर्धारण पर प्रस्तुत की गई एवं जैविक कपास एवं अन्य फसल पद्धति पर भी प्रस्तुतिकरण किया गया।
कृषि मंत्री एवं विधायकों के दल ने बैठक के बाद संस्थान कृषि एवं पशु विज्ञान से संबंधित तकनीकों का फील्ड भ्रमण भी किया। कार्यक्रम में सिक्किम के कृषि मंत्री लोकनाथ शर्मा, कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल भी उपस्थित रहे। सूबे के कृषि मंत्री ने दोनों राज्यों के कृषि मंत्रियों एवं एफआईबीएल की समस्त टीम को उत्तराखंडी टोपी पहनाकर सम्मानित भी किया।
बता दें कि एफआईबीएल संस्था लगभग 50 सालों से स्विट्जरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया में स्थापित है और पूरे यूरोप में जैविक अनुसंस्थान के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान है। इस अवसर पर उत्तराखंड के रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, कपकोट विधायक सुरेश गड़िया, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा, अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी, धारचूला विधायक हरीश सिंह धामी सहित बीज प्रमाणीकरण एजेंसी के निदेशक केसी पाठक, जैविक बोर्ड के प्रबंध निदेशक विनय कुमार, उप निदेशक डा जेएस नयाल सहित सिक्किम एवं कर्नाटक के अधिकारी उपस्थित रहे।
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Source : IANS