12 साल की उम्र तक की लड़कियों से रेप करने वाले दोषियों को मौत की सजा देने वाले अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद केंद्र सरकार पोस्को कानून में एक और बदलाव करने जा रही है। यौन शोषण के शिकार पीड़ित लड़कों को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार पोक्सो कानून में संशोधन करने जा रही है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ट्वीट कर इस बात की सूचना दी।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, ‘सरकार हमेशा लैंगिक निष्पक्ष कानून बनाने के प्रयास में रहती है। इसी उद्देश्य के साथ सरकार ने यौन शोषण के शिकार लड़कों को न्याय दिलाने के लिए पोक्सो कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।’
बता दें कि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने हाल ही में इंसिया दरीवाला की याचिका का समर्थन किया था जिसमें लड़कों के यौन शोषण की बात की गई है और कैसे भारत में इसे नजरअंदाज किया जाता है का जिक्र है।
यह भी पढ़ें: मोदी-जिनपिंग मुलाकात: सीमा विवाद से लेकर आतंकवाद तक पर एक मत हुए भारत-चीन
इस याचिका के जवाब में मेनिका ने कहा, ‘बाल यौन शोषण का सबसे अधिक नजरअंदाज किए जाने वाला वर्ग पीड़ित लड़कों का है। बाल यौन शोषण में लैंगिक आधार पर कोई भेद नहीं है। बचपन में यौन शोषण का शिकार होने वाले लड़के जीवन भर गुमसुम रहते हैं क्योंकि इसके पीछे कई भ्रांतियां और शर्म है। यह गंभीर समस्या है और इससे निपटने की जरुरत है।'
उन्होंने कहा कि यौन शोषण के शिकार बालकों पर अध्ययन कराया जाएगा।
मेनिका ने कहा कि याचिका के बाद उन्होंने सितंबर 2017 में राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) को पीड़ित लड़कों के मुद्दे पर विचार करने के निर्देश दिए हैं।
यह भी पढ़ें: मोदी-जिनपिंग मुलाकात: OBOR परियोजना को लेकर भारत पर दबाव नहीं बनाएगा चीन
Source : News Nation Bureau