logo-image

#MeToo Campaign का असर, मंत्रालय ने कहा-पीड़ित सालों बाद भी दर्ज करा सकते हैं शिकायत

मेनका ने कहा कि मी टू अभियान के तहत सामने आये मामलों की पड़ताल के लिए मंत्रालय जल्द ही एक कमेटी गठित करेगा. इसमें वरिष्ठ न्यायिक और कानूनी अधिकारी सदस्य होंगे.

Updated on: 16 Oct 2018, 10:16 PM

नई दिल्ली:

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ लंबे समय बाद भी शिकायत दर्ज करा सकता है. मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शिकायत दर्ज कराने के लिए पीड़ित व्यक्ति की उम्र मायने नहीं रखती है. पीड़ित व्यक्ति सालों पहले हुई घटना के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. पॉक्सो एक्ट के तहत भी यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई समय सीमा नहीं है.

बता दें कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि जिन महिलाओं ने आगे आ कर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये है, मुझे उन सब पर भरोसा है. मेनका ने कहा कि मी टू अभियान के तहत सामने आये मामलों की पड़ताल के लिए  मंत्रालय जल्द ही एक कमेटी गठित करेगा. इसमें वरिष्ठ न्यायिक और कानूनी अधिकारी सदस्य होंगे. मंत्रालय ने यह कदम देश में यौन उत्पीड़न के खिलाफ चल रहे कैंपेन मीटू के बाद उठाए हैं.

गौरतलब है कि Me Too कैंपेन के तहत कला, बॉलीवुड और मीडिया जगत के बहुत से संपन्न और पढ़ें लिखे लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. अभी तक इस सूची में गायक अभिजीत भट्टाचार्य, गीतकार और कॉमेडियन वरुण ग्रोवर, अभिनेता रजत कपूर, तमिल सॉन्ग राइटर वैरमुत्थु, मलयालम अभिनेता मुकेश माधवन, गणेश आचार्य, राकेश सारंग पर भी यौन उत्पीड़न या छेड़छाड़ के आरोप लगे. इनमें से कई लोगों ने बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन भी किया और सफाई दी.

और पढ़ें: NGT ने दिल्ली सरकार पर लगाया 50 करोड़ का जुर्माना, कहा- प्रदूषण रोकने के लिए नहीं उठाया कदम

वहीं मीडिया में हिंदुस्तान टाइम्स के पूर्व कर्मचारी प्रशांत झा, टाइम्स ऑफ इंडिया, हैदराबाद से रेसीडेंट एडिटर के आर श्रीनिवासन, टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व कार्यकारी संपादक और डीएनए में काम कर चुके गौतम अधिकारी पर भी आरोप लग चुकें हैं.

अपने समय के मशहूर संपादक और वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.