logo-image

Whatsapp जासूसी पर एक्शन के मूड में गृह मंत्रालय, कहा- सरकार की छवि खराब करने वालों पर होगी ये कार्रवाई

मैसेंजर एप व्हॉट्सएप पर भारतीयों की जासूसी और गोपनीयता भंग करने के मामले में भी गृह मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया है.

Updated on: 31 Oct 2019, 11:29 PM

नई दिल्ली:

मैसेंजर एप व्हॉट्सएप पर भारतीयों की जासूसी और गोपनीयता भंग करने के मामले में भी गृह मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया है. गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार पर निजता के हनन के आरोप बेबुनियाद हैं. ऐसा करके सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार निजता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः मोदी सरकार ने व्हाट्सएप यूजर्स की इजराइली स्पाईवेयर से जासूसी मामले में मांगा जवाब

हालांकि, पहले ये खबर आई थी कि भारत सरकार ने व्हॉट्सएप जासूसी मामले को लेकर जवाब मांगा है, लेकिन अब गृहमंत्रालय ने कहा है कि मामले को लेकर सरकार ने कोई बयान नहीं दिया है और जो भी बयान सामने आए हैं, वे मीडिया की रिपोर्ट्स के आधार पर हैं. भारत सरकार को बदनाम करने के ये प्रयास पूरी तरह से गलत हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें निजता का अधिकार भी शामिल है. ऐसे में गोपनीयता भंग करने के लिए जिम्मेदार किसी भी मध्यस्थ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह स्पष्ट है कि भारत सरकार ने कानून के प्रावधानों के अनुसार कड़ाई से काम किया और प्रोटोकॉल का पालन किया. किसी निर्दोष नागरिक का उत्पीड़न न हो या उसकी गोपनीयता भंग न हो, इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं.

सरकार ने मांगा जवाब

इस पूरे मामले में केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप से जवाब मांगा है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 4 नवंबर तक व्हाट्सएप से अपना जवाब देने को कहा है. केंद्र सरकार ने यह जवाब तलब तब किया है, जब व्हाट्सएप ने कन्फर्म कर दिया है कि स्पाईवेयर पीगासस भारत में भी एक्टिव था और यहां के लोगों की भी जासूसी कर रहा था.

यह भी पढ़ेंः Happy Halloween: अगर आज आपको कहीं भूत-चुड़ैल दिखें तो डरना नहीं...

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप से 4 नवंबर तक विस्तृत जवाब मांगा है. गुरुवार को फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने कहा कि इजरायली स्पाईवेयर पीगासस भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी कर रहा था.

ये है पूरा मामला

व्हाट्सएप के उस खुलासे से हड़कंप मच जिसमें उसने कहा कि स्पाईवेयर पीगासस भारत में भी एक्टिव था और यहां के लोगों की भी जासूसी कर रहा था. व्हाट्सएप ने इंडियन एक्स्प्रेस को बताया है कि भारतीय पत्रकार और ह्यूमन राइट ऐक्टिविस्ट्स इस जासूसी का टार्गेट थे. हालांकि कंपनी ने ये नहीं बताया है कि इस स्पाईवेयर के जरिए कितने भारतीय लोगों की जासूसी की गई है. चूंकि पीगासस का इस्तेमाल कोई आम शख्स नहीं कर सकता है और इसे NSO Group ने सरकारों के लिए बनाया गया है.