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गृह मंत्रालय कोरोना की दूसरी लहर को लेकर सतर्क, राज्यों को जारी किया ये परामर्श

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कोविड-19 की दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए कमजोर समूहों के लिए मौजूदा सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया.

Updated on: 21 May 2021, 09:53 PM

highlights

  • गृह मंत्रालय ने कोविड-19 की दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए परामर्श जारी किया
  • मौजूदा सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए राज्यों/ केन्द्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया
  • विशेष रूप से कमजोर समूहों के लोगों पर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव को ध्यान में रखा

नई दिल्ली:

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कोविड-19 की दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए कमजोर समूहों के लिए मौजूदा सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया. सरकार महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों समेत समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर रोक लगाने और उनका मुकाबला के साथ-साथ मानव तस्करी को रोकने और उससे निपटने के लिए संस्थागत तंत्रों की स्थापना को उच्च प्राथमिकता दे रही है. विशेष रूप से कमजोर समूहों के लोगों पर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए.

गृह मंत्रालय ने फिर से राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों से कमजोर वर्गों, विशेषकर उन बच्चों जो कोविड-19 की वजह से अपने माता-पिता को खोने के कारण अनाथ हो गए हैं, पर ध्यान केन्द्रित करने की बात दोहरायी है. गृह मंत्रालय ने राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों से कमजोर समूहों, विशेष रूप से अनाथ बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों जिन्हें समय पर सहायता और सहारे की जरूरत हो सकती है (चिकित्सा के साथ-साथ सुरक्षा और संरक्षा) और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्यों के लिए जिन्हें सरकारी सहायता सुविधाओं तक पहुंचने के लिए मार्गदर्शन की जरूरत हो सकती है, के लिए उपलब्ध मौजूदा सुविधाओं की तत्काल समीक्षा करने के लिए कहा है.

गृह मंत्रालय ने राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों से पुलिसकर्मियों को संवेदनशील बनाने, पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क और जिलों में मानव तस्करी विरोधी इकाइयों को कारगर ढंग से तैनात करने के लिए संबंधित विभिन्न विभागों/एजेंसियों के साथ समन्वय करने का अनुरोध किया है. एनसीआरबी ने इस गतिविधि को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों को कई उपकरण जारी किए हैं, जैसे कि अंतर-राज्यीय जानकारी साझा करने के उद्देश्य से पुलिस के लिए क्राइम मल्टी सेंटर एजेंसी (सीआरई-मैक); क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) का उपयोग कर लापता और पाए गए व्यक्तियों के बारे में पुलिस के लिए ऑनलाइन राष्ट्रीय अलर्ट सेवा.

एक वेब-आधारित स्वचालित फोटो मिलान एप्लिकेशन यूनिफाई, जो सीसीटीएनएस में तस्वीरों के राष्ट्रीय भंडार के बरक्स लापता व्यक्तियों, अज्ञात शव आदि की तस्वीरों को खोजने में पुलिसकर्मियों को सक्षम बनाने के लिए मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करता है. गृह मंत्रालय ने राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों से लापता व्यक्तियों के लिए केन्द्रीय नागरिक सेवा के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने का अनुरोध किया है, जोकि ऑनलाइन उपलब्ध है. गृह मंत्रालय ने कोविड-19 के दौरान ट्रांसजेंडरों की सुरक्षा के लिए हाल ही में जारी किए गए एसओपी का भी उल्लेख किया है. राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश नागरिकों के लाभ के लिए इन सुविधाओं का उपयोग करते रहे हैं.