केरल हाईकोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश ने रविवार को राज्य के एक मंत्री द्वारा दिए गए बयान की निंदा करते हुए इसे मूर्खतापूर्ण बताया. मंत्री ने बयान दिया था कि पुलिस को फिल्म की शूटिंग वाली जगहों पर ड्रग्स की खोजबीन के लिए शिकायत की जरूरत है. जब से पिछले हफ्ते केरल फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने खुलासा किया कि मलयालम फिल्म उद्योग के नए पीढ़ी के अभिनेताओं के बीच ड्रग्स का उपयोग आम था, यह चर्चा का विषय बन गया है.
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संस्कृति एवं सिनेमा मामलों के साथ ही राज्य के कानून मंत्री ए. बालन ने दो अवसरों पर यह स्पष्ट कर दिया था कि ड्रग्स के इस्तेमाल की शिकायत मिलने पर ही पुलिस कार्रवाई कर सकती है. सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी. केमल पाशा ने रविवार को मंत्री के बयान को खारिज कर दिया और कहा कि वह एक उच्च व सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति से इस तरह की बात सुनकर हैरान हैं. पाशा ने कहा, "बयान दिया गया है कि अगर कोई शिकायत दी गई है, तभी पुलिस खोजबीन या मामला दर्ज कर सकती है, जोकि बेवकूफी के अलावा कुछ भी नहीं है. ड्रग्स रखना एक सं™ोय अपराध है और अगर एक ही आरोपी दोबारा इस तरह के काम में लिप्त पाया जाता है तो उसे 20 साल तक की सजा सुनाई जा सकती है. ऐसे लोगों को मौत की सजा भी दी जा सकती है."
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उन्होंने कहा, "पुलिस छानबीन कर सकती है. इसके लिए जांच अधिकारी द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करना होगा और कार्रवाई पर आगे बढ़ना होगा. एक बार उस स्थान पर पहुंचने पर अधिकारी को यह सूचित करना होगा कि वह संबंधित जगह पर जांच-पड़ताल करने जा रहे हैं." दरअसल, एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने खुलासा किया था कि नई पीढ़ी के अभिनेताओं के एक वर्ग के बीच एलएसडी और इसी तरह के अन्य ड्रग्स का उपयोग आम है और वे आश्चर्यचकित हैं कि पुलिस अभिनेताओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वैन पर छापा क्यों नहीं मार रही है. सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन हाल में जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं और वह बुधवार को लौटने वाले हैं. सूत्रों का कहना है कि अब उनके राज्य में लौटने के बाद ही इस मामले में कोई कार्रवाई की जाएगी.
Source : IANS