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केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले (फाइल)
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केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले (फाइल)
केंद्रीय समाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने गुरुवार को कहा कि दलित अब अपने ऊपर होने वाले हमलों का जवाब दे रहे हैं। उस्मानिया विश्वविद्यालय के एक सेमिनार में उन्होंने कहा, 'आप हमला करेंगे, हम उसका जवाब देंगे।'
वह पुणे के भीमा-कोरेगांव में दलितों द्वारा पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना पर ब्रिटेन की सेना के विजय के 200 वर्ष पूरे होने के अवसर में आयोजित समारोह में दलितों पर हुए हमले का हवाला दे रहे थे। दलित ब्रिटिश सेना का हिस्सा थे।
उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों ने हमारे समुदाय पर हमला किया। हमने भी जवाब दिया। कभी-कभी, वे लोग हमला करते हैं लेकिन हम भी जवाब देते हैं।'
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उन्होंने साथ ही कहा कि दलित किसी पर भी हमला नहीं करते हैं। मंत्री ने उस्मानिया विश्वविद्यालय में 'अंबेडकर और संविधानवाद' पर सेमीनार में यह बात की। अठावले ने कहा कि अंबेडकरवादी किसी भी जाति के विरुद्ध नहीं हैं।
उन्होंने कहा, 'हम किसी के साथ भी लड़ना नहीं चाहते हैं। अगर आप लड़ना चाहते हैं, सीमा पर जाइए और पाकिस्तान के विरुद्ध लड़िए। आप क्यों अपने ही देशवासियों से लड़ना चाहते हैं?'
अठावले ने स्वीकार किया कि दलितों के विरुद्ध अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं लेकिन कहा कि यह हर जगह नहीं हो रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को समर्थन दे रही है क्योंकि मोदी सरकार भारतीय संविधान और अंबेडकर की विचारधारा पर विश्वास रखती है और इसका आदर करती है, अनुसरण करती है।
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अठावले ने कहा कि मोदी ने संसद में कहा था कि संविधान उनके लिए धर्मग्रंथ है और वह संविधान की वजह से ही प्रधानमंत्री बने हैं।
उन्होंने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की इस बारे में अलग विचारधारा हो सकती है लेकिन गुजरात से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता मोदी संविधान पर विश्वास करते हैं और अनुसरण करते हैं।'
उन्होंने कहा कि जो भारतीय संविधान को नहीं मानते हैं उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए।
Source : IANS