हरियाणा के हिसार में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पहली बार बाजरे की फसल में क्लेबसिएला एरोजेन्स जीवाणु के कारण होने वाली बीमारी की पहचान की है।
उन्होंने बीमारी की रोकथाम के लिए काम करना शुरू कर दिया है और वे इस मुद्दे को हल करने की दिशा में नई दिशा तलाशने के लिए आशान्वित हैं।
अमेरिका स्थित अमेरिकन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी ने नई बीमारी को पहचान लिया है और इसे अपने जर्नल प्लांट डिजीज में प्रकाशित किया है।
तीन साल के प्रयास के बाद 2018 में इस बीमारी की पहचान की गई थी। इस समय यह राज्य में मुख्य रूप से हिसार, भिवानी और रेवाड़ी जिलों में 70 प्रतिशत बाजरे की फसल में पाया गया है।
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Source : IANS