भारत में दुग्ध उत्पादन में यूपी सबसे अव्वल, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर
भारत में दुग्ध उत्पादन में यूपी सबसे अव्वल, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन औसतन नौ लाख मीट्रिक टन सालाना की दर से बढ़ने के साथ,उत्तर प्रदेश अब पूरे देश में सबसे आगे है।एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, यूपी में दूध उत्पादन 2016-17 में 277.697 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2019-20 में 318.630 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
राज्य में पिछले चार साल में 1,242.37 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन हुआ है।
यूपी में पिछले चार साल में अमूल समेत छह बड़ी कंपनियों ने 172 करोड़ रुपए की लागत से अपने डेयरी प्लांट लगाए हैं, जबकि सात अन्य को स्थापित करने का काम चल रहा है।
इसके अलावा, 15 निवेशकों ने अपनी इकाइयां स्थापित करने की पेशकश की है।
डेयरी क्षेत्र में किए जा रहे निवेश से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। गाय-भैंस पालन कर दूध का कारोबार करने वाले ग्रामीणों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है, जो भारत के कुल दूध उत्पादन का 17 प्रतिशत से अधिक है।
राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दुधारू पशुओं का संरक्षण और ग्रीनफील्ड डेयरियां स्थापित करना शुरू किया।
अधिकारियों ने कहा कि यूपी के कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, बरेली, कन्नौज, गोरखपुर, फिरोजाबाद, अयोध्या और मुरादाबाद जिलों में ग्रीनफील्ड डेयरियां स्थापित की जा रही हैं, जबकि झांसी, नोएडा, अलीगढ़ और प्रयागराज में चार पुरानी डेयरियों को अपग्रेड किया जा रहा है।
इसके अलावा, योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के सभी जिलों में गाय संरक्षण केंद्रों की स्थापना के लिए 272 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। जिससे बेसहारा और लावारिस गायों के संरक्षण और रख-रखाव के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में कई डेयरी प्लांट शुरू हुए हैं, जिनमें पूर्वांचल एग्रीको, श्रेष्ठ फूड, देसी डेयरी, न्यू अमित फूड, क्रीमी फूड और सीपी मिल्क फूड शामिल हैं, जिन्होंने गाजीपुर, बिजनौर, मेरठ, गोंडा, बुलंदशहर और लखनऊ में प्लांट स्थापित किए हैं।
यूपी सरकार राज्य में दूध उत्पादन को और बढ़ाने के लिए गौ संरक्षण केंद्र और गोवंश वन विहार का निर्माण कर रही है। ऐसे 118 केंद्रों का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है।
निराश्रित गोवंश सहयोग योजना के तहत 66,000 से अधिक गायों को इच्छुक पशुपालकों को सौंपा गया है।
राज्य सरकार ने गोकुल पुरस्कार और नंदबाबा पुरस्कार भी शुरू किया है। यह पुरस्कार देशी गायों के दूध के उच्चतम उत्पादक को दिया जाता है।
सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 12 लाख से अधिक पंजीकृत डेयरी किसानों को क्रेडिट कार्ड दे रही है, जिससे राज्य में पशुधन की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी