बीटिंग रिट्रीट में मिलिटरी बैंड्स ने मोहा सबका मन
संसद के पास विजय चौक पर 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी आयोजित की जा रही है। इस दौरान मिलिटरी बैंड 26 धुनों को पेश कर रहा है।
नई दिल्ली:
संसद के पास विजय चौक पर 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी आयोजित की जा रही है। इस दौरान मिलिटरी बैंड 26 धुनों को पेश कर रहा है।
मंत्रमुग्ध कर देने वाले इस कार्यक्रम में नेवी, सेना, और वायुसेना के बैंड के साथ ही सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और राज्य पुलिस हिस्सा ले रहे हैं।
26 धुनों में से 25 धुनों की रचना भारतीय संगीतकारों ने की है और सिर्फ एक धुन 'अबाइड विद मी' ऐसी है जिसे पश्चिमी संगीतकार ने रचा है।
18 मिलिटरी बैंड, रेजिमेंटल सेंटर्स और बटालियनों से 15 पाइप्स और ड्रम्स बैंड्स इस बार इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
सेरेमनी में मेजर अशोक कुमार मुख्य संचालक हैं। सेना के मिलिटरी बैंड संचालक सूबेदार मेजर एसके शर्मा और नेवी और वायुसेना के बैंड संचालक क्रमशः मास्टर पेटी ऑफिसर (म्यूज़ीशियन-1) रमेश चंद और जूनियर वॉरंट ऑफिसर अशोक कुमार हैं।
राज्य पुलिस और सीएपीएफ के संचालक कॉन्स्टेबल भीम सिंह हैं। बिगुल बजाने वाले सूबेदार जगदीश गिरि के संचालन में परफॉर्म करेंगे। वहीं पाइप्स को नम बहादुर गुरुंग के संचालन में प्रदर्शित किया गया।
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बीटिंग रिट्रीट ब्रिटेन की एक बहुत पुरानी परंपरा है जिसे सूर्य डूबने के समय मनाया जाता है। भारत में इसकी शुरुआत 1950 से हुई। हालांकि दो बार इसका आयोजन नहीं हो पाया था।
इस कार्यक्रम को पहली बार 26 जनवरी 2001 में गुजरात में आए भूकंप से हुई त्रासदी के कारण रोका गया था। 27 जनवरी 2009 को दूसरी बार ऐसा करना पड़ा जब देश के आठवें राष्ट्रपति वेंकटरमण का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
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