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गलवान झड़प पर बोले माइक पोम्पियो-  India के साथ खड़ा है US, भारत के जवानों...

पूर्वी लद्दाख के पास एलओसी पर पिछले 6 महीने से चीन के साथ जारी गतिरोध का जिक्र अब अमेरिका के साथ होने वाली 2+2 के बाद हुआ. यूएस के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने मंगलवार को संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा कि हम आज वार मेमोरियल गए थे.

Updated on: 27 Oct 2020, 04:10 PM

नई दिल्‍ली:

पूर्वी लद्दाख के पास एलओसी पर पिछले 6 महीने से चीन के साथ जारी गतिरोध का जिक्र अब अमेरिका के साथ होने वाली 2+2 के बाद हुआ. यूएस के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने मंगलवार को संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा कि हम आज वार मेमोरियल गए थे. हमने उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने भारत के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी. इनमें वे 20 जवान भी शामिल हैं, जिन्हें चीन ने गलवान में मारा था. उन्होंने कहा कि भारत अपनी अखंडता के लिए खतरों से लड़ रहा है और भारत के साथ अमेरिका खड़ा है.

भारत और अमेरिका ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता किया जिससे अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, उपग्रह के गोपनीय डाटा और दोनों देशों के बीच अहम सूचना साझा करने की अनुमति होगी. ‘टू प्लस टू’ वार्ता के तीसरे चरण के दौरान ‘बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट’(बीईसीए) पर दोनों रणनीतिक भागीदारों के बीच दस्तखत ने द्विपक्षीय रक्षा और सैन्य संबंधों को आगे और प्रगाढ़ करने का संकेत दिया है. यह समझौता ऐसे वक्त हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध चल रहा है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ वार्ता की. दोनों पक्षों के शीर्ष सैन्य और इसमें रक्षा अधिकारियों ने सहयोग दिया. ‘टू प्लस टू’ वार्ता में दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच पहले से कायम करीबी संबंधों को आगे और घनिष्ठ करने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी हितों के व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

रणनीतिक संबंधों के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण ‘बीईसीए’ पर दस्तखत के साथ दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण करार को अंतिम रूप दे दिया गया. दोनों देशों ने जनरल सिक्युरिटी ऑफ मिलिट्री इनफॉर्मेशन एग्रीमेंट (जीएसओएमआईए) पर 2002 में दस्तखत किए थे. रक्षा समझौता और प्रौद्योगिकी साझा करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत अमेरिका ने 2016 में भारत को ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ का दर्जा दिया था.

दोनों देशों ने 2016 में ‘लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट’ किया था. भारत और अमेरिका ने 2018 में एक और महत्वपूर्ण करार किया था, जिसे ‘कोमकासा’ कहा जाता है. बीईसीए के बारे में अधिकारियों ने कहा कि समझौते से भारत की गोपनीय भूस्थैतिक डाटा के साथ ही अन्य सैन्य अनुप्रयोगों के संबंध में सूचनाओं तक पहुंच होगी.