गृह मंत्रालय को आंध्र में धर्मातरण में 18 एनजीओ के शामिल होने की शिकायतें मिलीं

गृह मंत्रालय को आंध्र में धर्मातरण में 18 एनजीओ के शामिल होने की शिकायतें मिलीं

गृह मंत्रालय को आंध्र में धर्मातरण में 18 एनजीओ के शामिल होने की शिकायतें मिलीं

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया कि उसे 2018 से 18 गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ प्रलोभन और गलत बयानी द्वारा ईसाई धर्म में धर्मातरण में कथित संलिप्तता के लिए शिकायतें मिली हैं।

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एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि मंत्रालय को आंध्र प्रदेश के 18 संघों के खिलाफ ईसाई धर्म में कथित रूप से शामिल होने के संबंध में शिकायतें मिली हैं।

उन्होंने अपने जवाब में कहा कि विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए), 2010 के तहत प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर शिकायतों के संबंध में उचित कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

से संगठन हैं : मेट्रोपॉलिटन मिशन, स्वांतना सेवा समिति, ओइकोनोमास मंत्रालय, बिक्कावोलु चैरिटेबल, गुड न्यूज सोसायटी के हेराल्ड, इंडिया रूरल इवांग्रलिकल फेलोशिप, जीवित बलिदान मंत्रालय, जीवन देने वाले, सेल्सियन आंध्र सोसाइटी, नेल्लोर समाज के सूबा, लव-एन-केयर मंत्रालय, भारतीय ईसाई मंत्रालय, एएमजी इंडिया इंटरनेशनल, राहत, शिक्षा और मिशन के लिए शालोम ट्रस्ट, गुड शी-हर्ड कॉन्वेंट, सामंथा सामुदायिक विकास और कल्याण सोसायटी, हार्वेस्ट इंडिया और साइलॉम ब्लाइंड सेंटर।

यह कहते हुए कि एफसीआरए, 2010 इसके प्रावधानों के उल्लंघन से निपटने के लिए एक कानूनी तंत्र प्रदान करता है, राय ने आगे कहा कि इस तरह के तंत्र में ऐसे गैर सरकारी संगठनों के खातों का ऑडिट, उनके खातों और रिकॉर्ड का निरीक्षण और उनकी ऑनफील्ड गतिविधियों का सत्यापन आदि शामिल हैं।

राय ने बताया कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर ऐसे गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरए प्रमाणपत्र को निलंबित किया जा सकता है।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद के. रघु राम कृष्ण राजू ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार को आंध्र प्रदेश में कुछ गैर सरकारी संगठनों द्वारा एफसीआरए के उल्लंघन के खिलाफ कोई शिकायत मिली है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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