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मप्र में महिलाओं को ठेकेदारी की पंजीयन शुल्क में छूट

मप्र में महिलाओं को ठेकेदारी की पंजीयन शुल्क में छूट

Updated on: 03 Aug 2021, 11:25 AM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक तौर पर सक्षम बनाए जाने के लिए लगातार नवाचार किए जा रहे हैं, सरकार इस दिशा में कदम भी उठा रही है। इसी क्रम में लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदारी के पंजीयन शुल्क में महिलाओं को छूट देने का फैसला लिया है।

राज्य की सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री और डिप्लोमा करने वाली युवा महिलाओं तथा अन्य महिलाओं को शासकीय कांट्रेक्टर के रूप में कार्य करने में आसानी हो इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार द्वारा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के क्रम में रोजगार संसाधनों के सृजन का जो लक्ष्य रखा गया है, उसी कड़ी में एक नया कदम बढ़ाया गया है।

लोक निर्माण विभाग ने महिलाओं को और रोजगार मुहैया कराने के मकसद से फैसला लिया है कि

ठेकेदारी के लिए पंजीकृत होने वाली मध्यप्रदेश की मूल निवासी महिला ठेकेदारों को पंजीयन शुल्क की छूट प्रदान की जाएगी।

लोक निर्माण विभाग ठेकेदारों के पंजीयन की वर्तमान प्रचलित केंद्रीकृत व्यवस्था 2016 में संशोधन कर, सोल-प्रोपराइटर महिला ठेकेदारों को पंजीयन शुल्क से मुक्त किया गया है। लेकिन सोल-प्रोपराइटर महिला ठेकेदार फर्म को अन्य व्यक्तियों को सम्मिलित करते हुए, पार्टनरशिप फर्म अथवा कंपनी के रूप में पंजीकृत होने पर पूर्व के अनुसार पंजीयन शुल्क देना होगा।

ज्ञात हो कि राज्य में आधी आबादी को सशक्त और आर्थिक तौर पर समृद्ध बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। महिला स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, साथ ही न्यूनतम ब्याज दर पर बैंक ऋण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की है। इन कोशिशों का नतीजा है कि स्व-सहायता समूहों के जरिए उत्पाद तैयार करने वाली महिलाओं को बाजार मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार तो आ ही रहा है साथ में परिवार को सक्षम बनाने और बच्चों के भविष्य को संवारने में मदद मिल रही है।

राज्य में बड़ी संख्या में बालिकाएं इंजीनियर बन रही हैं, उन्हें राज्य में ही रोजगार अवसर कम होने पर दूसरे राज्यों को पलायन करना होता है। ऐसी स्थिति में सिविल इंजीनियर व पॉलिटेक्निक का डिप्लोमा हासिल करने वाली बालिकाओं के लिए ठेकेदारी के पंजीयन शुल्क में छूट बड़ी राहत देने वाला होगा।

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