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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं तो मुमकिन है, छोटे शहरों में 'छोटी मेट्रो' चलाने की योजना

तीन कोच वाली इस 'छोटी मेट्रो' की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. खास बात यह है कि 'छोटी मेट्रो' जमीन के साथ-साथ खंभों पर भी चलेगी.

Updated on: 22 Jul 2019, 06:47 AM

highlights

  • तीन कोच वाली मेट्रोलाइट चलेगी 50 शहरों में. बीजेपी ने किया था वादा.
  • तीन कोच वाली छोटी मेट्रो में सफर कर सकेंगे 300 लोग.
  • सड़कों के साथ-साथ खंभों पर भी दौड़ सकेगी छोटी मेट्रो.

नई दिल्ली.:

आम लोगों का सफर आरामदायक व दुश्वारी रहित बनाने के लिए केंद्र सरकार ने छोटे शहरों में 'मेट्रोलाइट' ट्रेन चलाने की योजना बनाई है. यह ट्रेनें उन शहरों में चलाई जाएंगी, जहां यात्रियों की संख्या अधिक नहीं हैं. तीन कोच वाली इस 'छोटी मेट्रो' की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. खास बात यह है कि 'छोटी मेट्रो' जमीन के साथ-साथ खंभों पर भी चलेगी. मेट्रो की तुलना में लागत कम होने से 'छोटी मेट्रो' मेट्रो की फीडर प्रणाली के तौर पर भी काम करेगी. इसके लिए केंद्र राज्यों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगा.

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मेट्रोलाइट के लिए मंत्रालय ने जारी किए मानक
केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय ने 'मेट्रोलाइट' प्रणाली के संबंध में मानक जारी कर दिए हैं. मंत्रालय के मुताबिक फिलहाल जिस मेट्रो रेल प्रणाली का विकास किया जा रहा है वह उच्च क्षमता वाली है, जिसके लिए बड़े शहरों और उनमें यात्रा करने वाले अधिक लोगों की जरूरत है. गौरतलब है कि भाजपा ने चुनाव घोषणा पत्र में मेट्रो का विस्तार 50 शहरों में करने का वादा किया था.

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सड़क और खंभों पर दौड़ेगी छोटी मेट्रो
मेट्रोलाइट का अपना अलग एक रास्ता होगा. सड़क पर चल रहे यातायात से इसकी गति प्रभावित नहीं हो, इसके लिए जहां जरूरत होगी वहां पर दोनों तरफ बाड़ भी लगाई जाएगी. यह ट्रेन जमीन और खंभे दोनों पर चलेगी, लेकिन खंभे पर ट्रेन चलाने की अनुमति तभी दी जाएगी जब उसे भूमि पर चलाना संभव नहीं होगा. सबसे खास बात यह है कि ट्रेन के खंभों के निर्माण के लिए सड़क के बीचों बीच मात्र 2.2 मीटर जगह की ही जरूरत होगी.

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छोटी मेट्रो में 300 लोग कर सकेंगे सफर
इस ट्रेन में एक-दूसरे से जुड़े तीन कोच होंगे. इन लो फ्लोर कोच की जमीन से ऊंचाई 300 से 350 मिमी होगी, जबकि एक कोच की लंबाई 33 मीटर के आसपास होगी, तीनों कोचों में 300 यात्री तक सफर कर सकेंगे. कोच स्टेनलस स्टील या फिर एल्यूमिनियम के बने होंगे. 'छोटी मेट्रो' के लिए बनाए जाने वाले प्लेटफार्म के ऊपर शेड होगा. हालांकि इसमें ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम, प्लेटफार्म स्क्रीन डोर, एक्स-रे और बैगज स्कैनर नहीं होंगे. टिकट निरीक्षक या नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी-वन नेशन वन कार्ड जैसी प्रणाली) को मेट्रोलाइट के अंदर स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है.