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पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर
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पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर
देश में महिलाओं के प्रति हो रहे यौन शोषण के मामलों के खिलाफ चल रहे #MeToo अभियान ने जोर पकड़ लिया है. इस अभियान के तहत पूर्व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर पर भी यौन शोषण का आरोप लगा, जिसके बाद गुरुवार को उन्होंने सरकार को अपना इस्तीफा सौंपा.
अकबर के खिलाफ आरोपों का सिलसिला महिला पत्रकार प्रिया रमानी के ट्वीट के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने वर्क प्लेस पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे. इसके खिलाफ अकबर ने कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है, जिसको लेकर आज (गुरुवार) पटियाला कोर्ट में सुनवाई होनी है.
गौरतलब है कि गुरुवार को 19 महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि सुनवाई के दौरान उत्पीड़न मामले में उनकी गवाही को भी सुना जाए.
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बयान में कहा गया है कि यौन शोषण पर एमजे अकबर झूठ बोलना बंद करें. इस लड़ाई में प्रिया रमानी अकेली नहीं है. इस मामले पर उनकी गवाही को भी सुनाया जाए.
अकबर के खिलाफ प्रिया रमानी के साथ जो अन्य 19 महिला पत्रकार सामने आईं हैं, उनमें शामिल हैं- मीनल बघेल, मनीषा पांडे, तुशिता पटेल, कनिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार, होईन्हू हौजे, आयशा खान, कौशलरानी गुलाब, कनिजा गजारी, मालविका बनर्जी, एटी जयंती, हमीदा पारकर, जोनाली बुरगोहैन, सुजाता दत्त सचदेवा, रश्मि चक्रवर्ती, किरण मनाल, संजरी चटर्जी, क्रिश्चियन फ्रांसिस.
वहीं गुरुवार को अतिरिक्त चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल इस मामले पर सुनवाई करेंगे.
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बता दें कि अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रमानी जानबूझकर, सोच समझकर, स्वेच्छा से और दुर्भावनापूर्वक उन्हें बदनाम करने के लिए पूरी तरह से झूठ बोल रही है.
Source : News Nation Bureau