New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2018/10/16/mj-akbar-and-gazala-wahab-43.jpg)
#MeToo: एमजे अकबर पर गजाला का पलटवार, बोलीं-हां, झूठ के पांव नहीं होते
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
#MeToo: एमजे अकबर पर गजाला का पलटवार, बोलीं-हां, झूठ के पांव नहीं होते
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार गजाला वहाब ने सोमवार को कहा, 'हां, झूठ के पांव नहीं होते' और वह बहुत दूर चल नहीं सकता. इससे एक दिन पहले अकबर ने उनके ऊपर लगाए गए यौन-उत्पीड़न के आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया था और कहा था--'झूठ के पांव नहीं होते'.
पत्रकार वहाब ने कहा कि अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को संकेत और कल्पना के आधार पर बताया है, जो एक उबाऊ रूढ़ोक्ति है. उन्होंने कहा कि वह या तो झूठ बोल रहे हैं या फिर जब अखबार के कार्यालय के भीतर जहां उत्पीड़न हुआ उस जगह को उन्होंने जब 'बहुत छोटा घनाकार' बताया तो उनकी स्मृति काम नहीं कर रही थी. उन्होंने कहा कि सूर्य किरण बिल्डिंग स्थित 'द एशियन एज' के दफ्तर में अकबर का कमरा ध्वनिरोधी था.
गौरतलब है कि वहीं केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने सोमवार को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है. अकबर ने सभी आरोपों को झूठा और निराधारा बताया है. बता दें कि अकबर पर उनके साथ काम करने वाली कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जब वह संपादक हुआ करते थे.
अकबर ने पटियाला हाउस अदालत में अपनी शिकायत दर्ज कराई है. अकबर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत रमानी पर मुकदमा चलाने की मांग की है.
अकबर ने आरोप लगाया है कि रमानी ने पूर्णतया झूठे व ओछे बयान द्वारा जानबूझकर, सोच समझकर, स्वेच्छा से और दुर्भावनापूर्वक उन्हें बदनाम किया है, जिसने राजनीतिक गलियारे, मीडिया, दोस्तों, परिवार, सहकर्मियों और समाज में व्यापक रूप से उनकी साख और इज्जत को नुकसान पहुंचाया है.
Source : IANS