आर्मी चीफ बिविन रावत ने कश्मीरी छात्रों को दी कुरान पढ़ने की नसीहत, कहा- खेले कूदें

शांति और सदभाव का संदेश पवित्र कुरान में बहुत सुंदर तरीके से बताया गया है, लेकिन लोग कभी कभी इसका सार नहीं समझ पाते हैं। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में एक छात्रों के ग्रुप से यह बात कही।

शांति और सदभाव का संदेश पवित्र कुरान में बहुत सुंदर तरीके से बताया गया है, लेकिन लोग कभी कभी इसका सार नहीं समझ पाते हैं। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में एक छात्रों के ग्रुप से यह बात कही।

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Shivani Bansal
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आर्मी चीफ बिविन रावत ने कश्मीरी छात्रों को दी कुरान पढ़ने की नसीहत, कहा- खेले कूदें

शांति और सदभाव का संदेश पवित्र कुरान में बहुत सुंदर तरीके से बताया गया है, लेकिन लोग कभी कभी इसका सार नहीं समझ पाते हैं। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में एक छात्रों के ग्रुप से यह बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि यह हिंसा का प्रचार करना नहीं सिखाता।

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अपने दफ्तर में मदरसा के छात्रों के साथ बात करते हुए जनरल रावत ने उनसे कहा कि उन्हें खेलों मसलन क्रिकेट और फुटबॉल की तरफ ध्यान देना चाहिए और आंतकियों के सफाए के लिए काम करना चाहिए ताकि कश्मीर घाटी में फिर से विकास हो सके।

25 सदस्यों के इस ग्रुप से बात करते हुए जनरल रावत ने पूछा, 'आप में से कितने लोगों ने पवित्र कुरान पढ़ी है।' यह लोग सेना द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय एकता दौरे में हिस्सा लेने के लिए आए हुए थे।

उन्होंने कहा, 'मैं आपको बताता हूं कि इसमें क्या संदेश है। यह संदेश है शांति और सदभाव और यह इसमें बहुत सुंदरता से व्यक्त किया गया है और आईएस ने सिर्फ शोर फैलाया है। यह कहीं कुरान में नहीं लिखा है।'

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उन्होंने कहा, 'लेकिन आपको जो पवित्र किताब में लिखा है इसका पालन करना चाहिए। आपको लगता है कि लोग संदेश समझते हैं। हम अच्छे से नहीं समझते हैं। आसान तरीके से, कुरान ने मानव मूल्यों के बारे में बताया है।'

इस ग्रुप में 13-22 साल के बच्चे 12 दिसंबर को दिल्ली आए थे। इसमें से ज़्यादातर पहली बार दिल्ली आए थे।

कई आतंकवादी संगठनों ने ऑनलाइन प्रचार के ज़रिए विभिन्न माध्यमों से कश्मीर घाटी में युवकों को कट्टरपंथ की ओर ले जाने की कोशिश की है। खतरनाक आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के झंडे को फहराने के आरोप में पिछले कुछ महीनों में घाटी में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

सेना प्रमुख ने सभी छात्रों और साथियों से गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाकर पूछा कि दिल्ली और कश्मीर के बीच क्या अंतर है।

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'कश्मीर के विपरीत, आप यहां बंकरों को नहीं देखते हैं, लोग रात में शांति से घूमते रहते हैं। हम जम्मू और कश्मीर में उसी शांतिपूर्ण माहौल चाहते हैं ताकि आप निडर होकर स्कूलों और मदरसों में जा सकें।'

रावत ने कहा, 'कश्मीर घाटी की तुलना स्वर्ग से की जाती है और अगर आप चाहते हैं कि यह जमीन फले-फूले, तो हमें आतंकवाद को रोकना होगा।' उन्होंने सुझाव दिया कि वे क्रिकेट और फुटबॉल खेलें और रचनात्मक गतिविधियों में खुद को व्यस्त करें।

आर्मी चीफ ने कहा, 'क्रिकेट और फुटबॉल खेलो, लेकिन मैंने सुना है कि युवा वहां हथियारों के साथ लुका-छुपी का खेल खेलते हैं।'

इस ग्रुप में जम्मू के पंजग्राम गांव से अब्दुल हमीद (13 वर्षीय) ने कहा, 'मैं दिल्ली में आकर बहुत खुश हूं। मैंने कभी जम्मू से यात्रा नहीं की और पहली बार एक ट्रेन में सफर किया।'

एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि यह ग्रुप कल (शुक्रवार) को ताज महल का दौरा करेगा और फिर जामा मस्जिद देखने जाएगा। यात्रा के दौरान, छात्रों ने दिल्ली में राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र का भी दौरा किया, अधिकारी ने कहा, 'आज, हम उन्हें मेट्रो की सवारी के लिए ले जाएंगे।'

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Source : News Nation Bureau

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