प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की एक अदालत में अपने हलफनामे में कहा, "उन्होंने (मेहुल चोकसी) ने कभी भी जांच में सहयोग नहीं किया. उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. इंटरपोल द्वारा एक रेड नोटिस जारी किया गया था. अदालत ने कहा, कि चोकसी ने लौटने से इनकार कर दिया है, इसलिए वह एक भगोड़ा और एक फरार व्यक्ति है.”
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बता दें इससे पहले भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में शपथ पत्र (affidavit) सौंपा था. शपथ पत्र में उसने अपनी बीमारी का विवरण दिया था. उसने कहा कि वह देश छोड़ के भागा नहीं है, बल्कि बीमारी की ईलाज के लिए छोड़ा है.
मेहुल चोकसी ने अपने हलफनामे में ये भी कहा था कि फिलहाल मैं एंटीगुआ में रह रहा हूं, लेकिन जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार हूं. उसने कहा कि न्यायालय को अगर यह उचित लगे तो जांच अधिकारी को वह एंटीगुआ में भेजने का निर्देश दे सकते हैं.
वहीं मेहुल चोकसी ने ये भी बताया था कि वह जांच में सीधे रूप से शामिल होना चाहता है, लेकिन मेडिकल उपचार के चलते वह इंडिया आने में असमर्थ है. जैसी ही उसकी तबियत ठीक होती है, वैसी ही वह इंडिया आ जाएगा. जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार है.
मेहुल चोकसी ने अपने हलफनामे में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सेंट्रल ब्यूरो इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) ने यह आरोप लगाया है कि वह जांच में शामिल नहीं होता है. लेकिन यह गलत है. उसने बीमारी का हवाला देते हुए कहा कि वह एंटीगुआ से बाहर नहीं जा सकता है. सीबीआई और ईडी एंटीगुआ में पूछताछ कर सकते हैं.
बता दें पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को भारत लाने की तैयारी हो रही है. घोटाले के मुख्य आरोपी चोकसी ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है. मेहुल चोकसी ने अपने भारतीय पासपोर्ट को एंटीगुआ उच्चायोग में जमा करवा दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि मेहुल को भारत लाना केंद्र सरकार के लिए मुश्किल है, लेकिन सरकार ने तैयारी तेज कर दी है. नागरिकता छोड़ने वाले फार्म में चोकसी ने अपना नया पता जौली हार्बर सेंट मार्कस एंटीगुआ बताया है.
Source : News Nation Bureau