/newsnation/media/post_attachments/images/2019/11/05/mehbooba-mufti710x400xt-24.jpg)
महबूबा मुफ्ती( Photo Credit : फाइल फोटो)
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को उनके फेयरव्यू गुप्तकर रोड स्थित सरकारी आवास में शिफ्ट किया जा रहा है. प्रशासन ने उनके सरकारी आवास को सहायक जेल बना दिया है. हालांकि अभी उनकी नजरबंदी जारी रहेगी. इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला और उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म कर दी गई.
Srinagar: Former J&K CM Mehbooba Mufti who is presently detained under Public Safety Act, to be shifted to her official residence at Fairview Gupkar Road today. The order terms her official residence as a 'subsidiary jail'. She will continue to remain under detention. pic.twitter.com/L26AhQerO5
— ANI (@ANI) April 7, 2020
महबूबा मुफ्ती बीते आठ महीनों से पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में हैं. मुफ्ती को पांच अगस्त, 2019 को राज्य के दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ हिरासत में लिया गया था. इन नेताओं को राज्य में धारा 370 को हटाए जाने के बाद हिरासत में लिया गया था.. फारुख को तो बीते महीने रिहा कर दिया गया था जबकि उमर को मंगलवार को रिहा किया गया था.
यह भी पढ़ेंः मुंबई: तबलीगी जमात से लौटे 150 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई FIR
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर सरकार (Jammu and Kashmir Govt) ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की रिहाई के आदेश जारी किए थे. उमर अब्दुल्ला को पिछले साल 5 अगस्त को राज्य में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद नजरबंद किया गया था. फारुख अब्दुल्ला के साथ उमर अब्दुल्ला (Omar Abdulla) और महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को भी नजरबंद किया गया था. नजरबंदी की सीमा समाप्त होने के बाद इन्हें जनसुरक्षा कानून के तहत पाबंद कर दिया गया था.
यह भी पढ़ेंः बेरोजगार मजदूरों को आर्थिक मदद की मांग पर बोला सुप्रीम कोर्ट, 10-15 दिनों तक नहीं देंगे सरकार के काम में दखल
13 मार्च को फारुख अब्दुल्ला को रिहा किया गया था. उमर अब्दुल्ला की रिहाई को लेकर उनकी बहन सारा अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसकी सुनवाई के दौरान 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि सरकार एक सप्ताह में उमर अब्दुल्ला की रिहाई पर अपना नजरिया साफ करे. कोर्ट ने कहा कि अगर केंद्र जल्द उमर अब्दुल्ला को रिहा नहीं करता है तो उनकी बहन की याचिका पर सुनवाई होगी.
Source : News State